रांचीः कुर्मी समाज ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चीतकालीन रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया है. आंदोलन के क्रम में सुबह सैकड़ों की संख्या में लोग रेलवे पटरी पर उतरे.कुरमी समाज के लोग झारखंड, बंगाल और उड़ीसा के स्टेशनों का घेराव दिया. मंगलवार को झारखंड के नीमडीह स्टेशन, बंगाल के पुरूलिया, झालदा, झारग्राम, बाकुड़ा और उड़ीसा के मयूरभंज में ट्रेन को बाधित करने का प्रयास किया गया.
जिसके बाद रेलवे पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए लोगों को पटरी से हटाया और रेलवे का परिचालन सुचारू किया गया. झारखंड कुरमी विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार और प्रवक्ता ओम प्रकाश महतो ने बताया कि यह कार्यक्रम अनिश्चिकालीन चलता रहेगा. जब तक की सरकार कुर्मी को एसटी में शामिल करने की घोषणा नहीं करती है. दक्षिण पूर्व रेलवे ने कई ट्रेनें की रद्द इधर, नीमडीह स्टेशन पर आदिवासी कुर्मी समाज की तरफ से रेल पटरी पर धरना देने के कार्यक्रम को देखते हुए दक्षिण पूर्व रेलवे ने कई ट्रेनें रद्द कर दी हैं.
रेल प्रशासन ने आसनसोल-रांची मेमू पैसेंजर ट्रेन (ट्रेन संख्या -03598), आद्रा-बरकाकाना मेमू पैसेंजर (ट्रेन संख्या 08641) और ट्रेन संख्या 18036 हटिया – खड़गपुर एक्सप्रेस को मंगलवार के लिए रद्द कर दिया है.
शताब्दी एक्सप्रेस पर झालदा में पथरावझारखंड कुर्मी विकास मोर्चा के रेल रोको आंदोलन में हिंसक घटनाएं हावड़ा से रांची आ रही शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन पर पत्थरबाजीट्रेन की बोगी संख्या ई-2 में झालदा के पास उपद्रवियों ने फेंके पत्थर. ट्रेन के शीशे पर पत्थर फेंकने के निशानयात्रियों में हड़कंप.
बता दें, झारखंड, उड़ीसा और बंगाल में कुर्मी समाज के लोग एसटी में शामिल करने की मांग कर रहे है. यह मांग वर्षों से की जा रही है. शीतल ओहदार ने बताया कि एक साजिश के तहत कुरमी समाज को एसटी में शामिल नहीं किया जा रहा है. अगर सरकार इसपर जल्द निर्णय नहीं लेती है तो आगामी लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों को इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है.
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 1955 तक कुरमी समाज एसटी सूची में शामिल था, मगर एक साजिश के तहत कुरमी को इस सूची से बाहर कर दिया गया. वृहद झारखंड के कुरमी-कुड़मी की रहन-सहन, पूजा-पाठ, शादी-विवाह, पर्व त्योहार सभी आदिवासियों से मिलती जुलती है. इसके बावजूद कुरमी जाति को एसटी सूची में शामिल नहीं किया जा रहा है. आने वाले दिनों में यह आंदोलन और जोर पकड़ेगा.