रांची। अरुणोदय समिति के द्वारा आचार्य प्रणव मिश्रा को मग विभूति सम्मान से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार कल 4 सितंबर को दिया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ श्रीदेव मिश्र काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी थे। वही विशिष्ट अतिथि श्री नंदकुमार पाठक, सेना निव्रित मेजर सार्जेंट, श्री शम्भूनाथ मिश्र पूर्व सचिव, श्री अखलेशवर मिश्र राजपुरोहिर वही संजय मिश्रा वैजनाथ मिश्र के हाथों से पुरस्कार किया गया। कार्यक्रम के संचालक विजय पाठक और चंदन पाठक ने बताया कि आचार्य प्रणव का समाज को जगाने का अच्छा कार्य किया है। इन्हें इससे पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। आचार्य प्रणव शांतिकुंज हरिद्वार में हवन में होने वाले शोध में अपनी भूमिका निभा कर आये हैं।
सम्पूर्ण कार्यक्रम दिगम्बर जैन भवन हरमुरोड राँची में सम्पन हुवा। कार्यक्रम का आरम्भ मंगलाचरण से हुवा। वही इस सम्पूर्ण कार्यक्रम में मैट्रिक इंटर और दूसरे पढ़ाई में सफल विद्याथियों को भी सम्मानित किया गया। मैट्रिक में अच्छा मार्क्स लाने पर साक्षी को सम्मानित किया गया। वही प्रशांत को भी इंटर में अच्छा नंबर के लिए सम्मानि हुवा।
वही खुशबू कुमारी को बीपीएससी परीक्षा में उतीर्ण की उन्हें भी सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में श्रीदेव मिश्र ने समाज को संबोधन किया और कहा कि समाज मे दहेज सबसे बडी बुराई है। मैं इसका भुक्तभोगी भी हु। इसका खात्मा होना चाहिए। यह समाज को दीमक की तरह चाट रहा है। वही नंदकुमार पाठक ने समाज को हर प्रकार से सहयोग करने का वादा किया और सामज कल्याण का घोषणा भी किया। मंच का संचालन बिजय पाठक के द्वारा किया गया। ज्ञात हो कि बिजय पाठक अरुणोदय समिति के अध्यक्ष भी हैं। इस कार्यक्रम में झारखं और बिहार के साथ उत्तर प्रदेश से लोग आए हुवे थे। मुख्य रूप से इस कार्यक्रम को सफल बनाने में नरोत्तम शास्त्री, गोपाल पाठक, राघव पाठक, राधेश्याम पाठक, गिरिधर जी, प्रदीप मिश्रा, जगरनाथ मिश्र अमन मिश्र और प्रदीप मिश्रा ने भूमिका निभाई।