भोपाल : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कोविड काल में चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की अहम भूमिका को रेखांकित करते हुए देशवासियोंं का आ’’ान किया कि चिकित्सक भी मनुष्य होते हैं और उनके साथ बदसलूकी न हो।
श्री कोविंद आज यहां नवीन शहरी स्वास्थ्य सेवाओं के भूमिपूजन और लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने आठ स्वास्थ्य सेवाओं का भूमिपूजन और चार का रिमोट दबा कर लोकार्पण किया। इस दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी उपस्थित रहे।
समारोह को संबोधित करते हुए श्री कोविंद ने कहा कि कोविड की चुनौती का देश ने दृढ़ संकल्प से सामना किया। इस दौरान डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने अभूतपूर्व सेवाएं दीं। किसी भी व्यक्ति को बीमार पड़ने पर सबसे पहले ईश्वर याद आते हैं, उसके बाद चिकित्सक भी उसके लिए ईश्वरस्वरूप होता है।
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि कभी-कभी चिकित्सकों के साथ बदसलूकी की घटनाएं सामने आती हैं। हम सभी को ये सोचना चाहिए कि चिकित्सक भी मनुष्य हैं और उनसे भी कभी-कभी गल्तियां हो जाती हैं। रोगियों और उनके तीमारदारों को भी धैर्य रखते हुए ये बात याद रखनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने पद्म पुरस्कारों का जिक्र करते हुए कहा कि कई डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्रों में अद्भुत सेवाकार्य में लगे हैं। इसी तारतम्य में उन्होंने पद्मश्री प्राप्त रतलाम की महिला चिकित्सक डॉ लीला जोशी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे मलिन बस्तियों और जनजातीय समुदाय के बीच सेवाकार्य कर रही हैं।