रांची। चालू वित्तीय वर्ष के मार्च महीने में आयकर विभाग ने राज्य के बड़े डिफॉल्टरों से तीन हजार करोड़ रुपये वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत अब तक 110 डिफॉल्टरों का बैंक अकाउंट अटैच किया गया है। जिन बड़े डिफॉल्टरों का बैंक अकाउंट अटैच किया गया है, उनमें पूर्व मंत्री एनोस एक्का, झारखंड ऊर्जा संचरण लिमिटेड का नाम भी शामिल है। आयकर विभाग के बड़े डिफॉल्टरों की सूची में डॉक्टर, व्यापारी, कमीशन एजेंट और राज्य और केंद्र सरकार के लोक उपक्रम शामिल हैं।
पूर्व मंत्री एनोस एक्का पर 7.74 करोड़ आयकर बकाया
झारखंड में मधु कोड़ा की सरकार में मंत्री रहे एनोस एक्का ने भ्रष्टाचार से अकूत संपत्ति अर्जित की थी। इसका खुलासा सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय के अनुसंधान में भी हो चुका है। प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मंत्री की 150 करोड़ रुपये से अधिक की चल और अचल संपत्ति को पूर्व में ही जब्त कर चुका है। अब आयकर विभाग ने उन्हें डिफाल्टर घोषित किया है। पूर्व मंत्री एनोस एक्का पर वर्ष 2006-07 का 51 लाख रुपये, 2007-08 का 1.37 करोड रुपये, 2008-09 का 2.75 करोड़ रुपये, 2009-10 का 2.5 करोड़ रुपये 2010-11 का 61 लाख रुपये का टैक्स बकाया है।
झारखंड ऊर्जा संचरण लिमिटेड पर 125 करोड़ बकाया
झारखंड ऊर्जा संचरण लिमिटेड पर 2017-18 और 2019-20 का कुल 125 करोड़ रुपये का आयकर बकाया है। इसी प्रकार रांची के आलम नर्सिंग होम पर 2011-12 से 2020 21 तक की अवधि का पांच करोड़ रुपये का बकाया था। इसमें से नर्सिंग होम ने 69 लाख रुपये का भुगतान कर दिया है। राजगीर कंस्ट्रक्शन पर आयकर विभाग का 4.2 करोड़ों रुपये का बकाया था, जिसमें से इस कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 70 लाख रुपये का भुगतान कर दिया है।
केडी सिंह पोल्ट्री पर आयकर का 4.25 करोड रुपये का बकाया होने पर नोटिस जारी किया गया था। भुगतान नहीं करने पर इसके निदेशक राजेश सिंह और दीपक सिंह के बैंक खाते को आयकर विभाग ने जब्त कर लिया है। आयकर विभाग ने सीसीएल और सीएमपीडीआइ से भी टैक्स वसूली के लिए नोटिस जारी की है। हालांकि इन दोनों कंपनियों द्वारा टैक्स का कुछ हिस्सा भुगतान करने का वायदा करने की वजह से उनके बैंक खातों को अटैच नहीं किया गया है।
250 से अधिक करदाताओं के दाखिल रिटर्न की स्क्रूटनी की
आयकर विभाग ने 250 से अधिक करदाताओं द्वारा दाखिल किये गये रिटर्न की स्क्रूटनी की। साथ ही संबंधित करदाताओं के बैंक खातों से लेन-देन का ब्योरा जुटाया। इस प्रक्रिया के दौरान यह पाया गया कि इन करदाताओं ने कम टैक्स का भुगतान किया है, इसलिए विभाग ने अपनी गणना के आधार पर उन पर टैक्स की देनदारी निर्धारित की। साथ ही सभी को टैक्स की रकम जमा करने के लिए नोटिस भेजी। नियमानुसार आयकर विभाग द्वारा नोटिस दिये जाने के 35 दिनों के अंदर डिमांड नोटिस के आलोक में पैसा जमा नहीं करने पर डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है। बार-बार रिमाइंडर दिये जाने के बावजूद टैक्स की रकम जमा नहीं करने पर बैंक खाते को अटैच कर राशि की वसूली की जाती है।
डिफॉल्टरों का ब्योरा (करोड़ में)
एनोस एक्का 7.74
आलम नर्सिंग होम 5.00
किट्स इंफ्रा प्रोजेक्ट 0.50
सिल्ली कॉलेज 1.25
राजगीर कंस्ट्रक्शन 4.20
मिनरल्स एंड मिनरल्स लिमिटेड 2.30
झारखंड ऊर्जा संचरण निगम 115.00
झारखंड हिल एरिया लिफ्ट इरिगेशन 3.17
केडी सिंह, पॉल्ट्री 4.25
एसएल ट्रेडर्स 0.55
बानी पैकेजिंग 2.00
भुतेश्वर रियल स्टेट 42.00
कांके सर्विस सेंटर 1.50
भीम मुंडा 0.35
संजय मुंडा 0.31
सुनील कुमार 10.00