Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    14 May, 2025 ♦ 7:08 AM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»जोहार ब्रेकिंग»बीमारी से बचने के लिए बच्चों को अब 6 नहीं 24 माह तक कराना होगा नियमित स्तनपान : आईसीएमआर
    जोहार ब्रेकिंग

    बीमारी से बचने के लिए बच्चों को अब 6 नहीं 24 माह तक कराना होगा नियमित स्तनपान : आईसीएमआर

    Team JoharBy Team JoharSeptember 19, 2019Updated:September 19, 2019No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    JoharLive Desk

    नई दिल्ली : स्तनपान को लेकर समाज में मौजूद धारणा को बदलना होगा। अब छह नहीं, बल्कि महिलाओं को 24 माह तक अपने बच्चों को नियमित स्तनपान कराना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करती हैं तो उनके बच्चों को हर समय पांच बीमारियां होने का खतरा बना रहेगा। इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक, हमारे देश में नवजात को छह माह की अवधि तक नियमित स्तनपान नहीं कराया जाता। मौजूदा समय में 53 फीसदी महिलाएं ही छह माह तक स्तनपान की अनिवार्यता को पूरा करती हैं।
    विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक अनिवार्य स्तनपान के 70 प्रतिशत लक्ष्य तक पहुंचाने की बात कही है। स्तनपान न कराने की वजह से 0-5 वर्ष की आयु के बच्चों को कई तरह की बीमारियां घेरने लगती हैं। आईसीएमआर के सदस्य एवं पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के पदाधिकारी प्रो. ललित दंदोना ने बुधवार को बताया कि अब सभी महिलाओं को अपने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति कहीं ज्यादा सचेत होना पड़ेगा। 0-5 साल और 5-10 साल तक की आयु के बच्चों को एनीमिया, लो बर्थ रेट, बच्चों के विकास में बाधक बनने वाले तत्वों का सक्रिय होना।

    पांच साल से कम आयु के बच्चों की मौत और वजन कम होना या बहुत अधिक बढ़ना, जैसी बीमारियां अपनी चपेट में ले रही हैं। इसके कई कारण हैं। पहला, बच्चे को तय मापदंडों के अनुसार, पौष्टिक आहर नहीं मिलता। कहा तो ये जाता है कि माताएं अपने बच्चों को कम से कम छह माह तक अनिवार्य तौर पर स्तनपान कराएंगी, लेकिन रिसर्च बताती है कि यह आंकड़ा अभी 50 फीसदी के आसपास ही पहुंच सका है। दूसरा, मां और नवजात को पौष्टिक आहार नहीं मिलता।

    नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन, आईसीएमआर हैदराबाद की पदाधिकारी डॉ. आर हेमलथा कहती हैं, अभी मेडिकल भाषा में नियमित स्तनपान के अलावा एक और टर्म इस्तेमाल की जाती है। वह है कम्पलीमेंट्री स्तनपान। इसका मतलब है कि माताओं को छह माह तक तो अनिवार्य तौर पर स्तनपान कराना ही है, इसके अलावा उसे 6 से 24 माह तक कम्पलीमेंट्री स्तनपान भी कराना चाहिए। हमारे समाज में स्तनपान को लेकर अभी तक जितना भी प्रचार प्रसार हुआ है, उसमें छह का जिक्र ही होता रहा है।

    मीडिया या सोशल मीडिया में बड़ी-बड़ी हस्तियां जब स्तनपान पर बात करती हैं तो वे भी छह माह की अवधि तक नियमित स्तनपान की सलाह देती हैं। इसका फायदा क्या हुआ, कुछ नहीं। अभी तक जब छह माह तक स्तनपान कराने का टारगेट भी नहीं हासिल किया जा सका है, तो कम्पलीमेंट्री स्तनपान जो कि 24 माह तक कराया जाना चाहिए, यह कैसे और कब पूरा हो पाएगा। यदि बच्चों को पांच बीमारियों से बचाना है तो कम्पलीमेंट्री स्तनपान बिना किसी झिझक और अनिवार्य तौर पर कराना होगा।
    आईसीएमआर द्वारा जारी ये आंकडे चौंकाने वाले हैं
    देश में साल 2017 के दौरान लो बर्थ रेट का प्रतिशत 21 रहा है। इसमें सबसे कम नौ प्रतिशत मिजोरम तो सबसे ज्यादा उत्तरप्रदेश यानी 24 फीसदी रहा है। अगर 1990 से लेकर 2017 तक की बात करें तो महज लो बर्थ रेट में महज 1.1 प्रतिशत की वार्षिक गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट दर सिक्किम में 3.8 तो दिल्ली में 0.3 प्रतिशत रही है। बच्चों के संपूर्ण विकास में बाधा की बात करें तो यह प्रतिशत 39 है। इसमें गोवा 21 फीसदी तो उत्तरप्रदेश में सर्वाधिक 49 प्रतिशत है। 1990 से लेकर 2017 तक इस बाधा को केवल 2.6 फीसदी तक कम किया जा सका है।

    इसमें केरल सबसे ऊपर चार फीसदी तो मेघालय में 1.2 प्रतिशत गिरावट सामने आई है। चाइल्ड अंडरवेट की बात करें तो 2017 तक 33 फीसदी बच्चे इसमे ग्रसित थे। इसमें सबसे कम प्रतिशत मणिपुर 16 तो सर्वाधिक 42 प्रतिशत झारखंड में दर्ज हुआ है। 1990 से 2017 के बीच इस रेट में केवल 3.2 फीसदी की गिरावट आई है। इसमें 5.4 प्रतिशत के साथ मेघालय पहले तो 1.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ दिल्ली सबसे निचले पायदान पर है। खून की कमी, यानी एनीमिया, इस बीमारी के मामले में भी देश के सभी राज्यों का प्रतिशत उत्साहवर्धक नहीं है। 2017 तक करीब 60 प्रतिशत बच्चे एनीमिया से ग्रसित रहे हैं।

    इनमें मिजोरम 21 प्रतिशत तो हरियाणा 74 प्रतिशत पर रहा है। एनीमिया की इस दर में गिरावट की बात करें तो देश में इसका प्रतिशत 0.7 है। यह दर 1990 से 2017 के बीच की है। इस दर को कम करने में मिजोरम 8.3 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर है, जबकि गोवा एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां इस दर में कोई भी कमी नहीं आई। छह माह तक नियमित स्तनपान के मामले में देश का प्रतिशत 53 है। इसमें मेघालय 34 प्रतिशत तो छत्तीसगढ़ का प्रतिशत 74 रहा है। 1990 से 2017 तक नियमित स्तनपान में 1.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसमें चार प्रतिशत वृद्धि के साथ गोवा पहले नंबर पर तो उत्तरप्रदेश जहां कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, सबसे निचले स्थान पर है।

    #Online news Helth news Latest news
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Article24 घंटों में बारिश के दौरान बिजली गिरने से बिहार में 18 लोगों की मौत
    Next Article देश में हर साल कुपोषण से होती है सात लाख से ज्यादा बच्चों की मौत

    Related Posts

    देश

    घर में घुसकर मारेंगे और बचने का एक मौका भी नहीं देंगे : पीएम मोदी

    May 13, 2025
    झारखंड

    CCL का वेबसाइट हैक, रिकवर

    May 13, 2025
    देश

    म्यूजिक एप्स से हटाये गए पाकिस्तानी सितारे, बॉलीवुड गीतों के पोस्टर्स से भी हुए गायब…

    May 13, 2025
    Latest Posts

    धुर्वा डबल मर्डर मामले में मृतकों की हुई शिनाख्त, बड़े पिता के निधन की सूचना देने आए थे रांची

    May 13, 2025

    बेरमो में संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा की बैठक, किस मुद्दे पर… जानें

    May 13, 2025

    संत माईकल्‍स स्कूल के स्टूडेंट्स का 12वीं में बेहतरीन प्रदर्शन, कीर्ति उपाध्याय बनीं टॉपर

    May 13, 2025

    फ्लाईओवर रैंप विवाद में उतरीं आशा लकड़ा, निर्माण रोकने की मांग की

    May 13, 2025

    रांची DC ने जनता दरबार में सुनी लोगों की समस्याएं, कई मामलों में दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश

    May 13, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.