Johar live desk: चिकन खाना पसंद तो सबको होता है लेकिन हाल ही में एक नए शोध अध्ययन में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि नियमित रूप से चिकन का सेवन करने से कैंसर होने की आशंका बढ़ सकती है। इटली के ‘नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी’ के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि जो लोग चिकन का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, उनमें न केवल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर (पाचन तंत्र से संबंधित कैंसर) का खतरा अधिक होता है, बल्कि समय से पहले मृत्यु का जोखिम भी बढ़ जाता है। शोध के अनुसार, सेहतमंद जीवन के लिए शाकाहारी भोजन और प्लांट बेस्ड डाइट को अधिक फायदेमंद माना गया है।
महिलाओं की तुलना में पुरुषों पर अधिक प्रभाव
यह अध्ययन 20 वर्षों तक इटली के 4,869 वयस्कों के स्वास्थ्य डाटा का विश्लेषण कर किया गया। निष्कर्षों में यह पाया गया कि नियमित रूप से चिकन का सेवन करने वालों में विशेष रूप से पुरुषों में पाचन तंत्र के कैंसर, जैसे कि ग्रासनली (ईसोफेगस), पेट (स्टमक), बृहदान्त्र (कोलन), अग्न्याशय (पैंक्रियास) और लीवर (यकृत) के कैंसर का खतरा अधिक देखा गया। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह जोखिम कहीं ज्यादा था।
300 ग्राम से अधिक चिकन सेवन से खतरा और बढ़ा
अध्ययन में यह भी स्पष्ट किया गया कि प्रति सप्ताह 300 ग्राम से अधिक चिकन का सेवन करने वाले लोगों में कैंसर और समय से पहले मृत्यु की आशंका और भी बढ़ जाती है। शोध के आंकड़ों के अनुसार, इस सीमा से अधिक चिकन खाने वाले व्यक्तियों में 27% तक अधिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर और समय से पूर्व मृत्यु का खतरा पाया गया।
स्वस्थ जीवन के लिए शाकाहारी और पौध आधारित आहार को दें प्राथमिकता
शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि अच्छी सेहत के लिए चिकन की खपत को सीमित करना चाहिए। चिकन जैसे पोल्ट्री उत्पादों के अधिक सेवन के बजाय, मछली या अन्य प्लांट-बेस्ड प्रोटीन स्रोतों को अपनाना अधिक लाभकारी हो सकता है। यह अध्ययन जर्नल Nutrients में प्रकाशित हुआ है, और इसके निष्कर्ष पौधों पर आधारित आहार को प्राथमिकता देने की सलाह देते हैं ताकि कैंसर और समय से पहले मौत के जोखिम को कम किया जा सके।