Ranchi : रिम्स के निवर्तमान डायरेक्टर डॉ राजकुमार ने झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। डॉ राजकुमार ने याचिका दायर कर अपने लिए इंसाफ की गुहार लगायी है। उन्होंने कहा है कि जो इल्जाम लगाकर उन्हें पद से हटाया गया है, वह बिल्कुल गलत है। डॉ राजकुमार ने कहा कि रिम्स गवर्निंग काउंसिल की बैठक में या उसके बाद भी उनसे इस्तीफा देने को कहा गया होता, तो वह बिना देर किये तुरंत पद से इस्तीफा दे देते और वापस उत्तर प्रदेश चले जाते। लेकिन जिन आरोपों के साथ उन्हें अपमानित कर के पद से हटाया गया, ऐसे में उनके पास कोर्ट जाने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं था। डॉ. राजकुमार ने मीडिया से बातचीत के दरम्यान कहा कि जीवन भर सही काम किया, कभी कोई गलत काम नहीं किया और न ही कभी गलत तरीके से पैसे कमाए। मुझे अपनी बात भी रखने का समय नहीं दिया गया। प्रूफ रखने का समय नहीं मिला। उन्होंने कहा कि आरोपों के साथ जाना उन्हें मंजूर नहीं है।
यहां याद दिला दें कि डॉ. राजकुमार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने बीते 17 अप्रैल की रात तत्काल प्रभाव से रिम्स निदेशक के पद से हटा दिया था। उस समय डॉ. राजकुमार दिल्ली में थे। उन पर प्रशासनिक अक्षमता की वजह से पद से हटाने की बात कही गई थी। पत्र में लिखा गया था कि निदेशक के पद पर कार्यरत रहने के दौरान मंत्रिपरिषद, शासी परिषद तथा विभाग द्वारा लोकहित में दिए गये निर्णय और निर्देशों का पालन नहीं किया गया तथा रिम्स अधिनियम, 2002 द्वारा निर्धारित उद्देश्यों को पूर्ण करने में डा. राजकुमार की सेवा संतोषजनक नहीं पायी गयी है। अतः रिम्स नियमावली 2002 के नियम-9 (vi) के तहत लोकहित में डा. राजकुमार को तीन महीने का वेतन एवं भत्ता देते हुए तत्काल प्रभाव से निदेशक, रिम्स के पद से हटाया जाता है। इस निर्णय पर मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त होने की बात भी कही गई थी।
Also Read : सड़क सुरक्षा को लेकर ADG लाठकर ने की समीक्षा बैठक, दिए कई निर्देश