Ranchi : विधानसभा के बजट सत्र के दौरान महिलाओं को लेकर बीजेपी ने खूब हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी से लेकर भाजपा विधायक नवीन जायसवाल और पूर्णिमा दास तक सभी ने सदन में सरकार से जानना चाहा कि 18 लाख महिलाओं का क्या दोष था, क्यों उन्हें वोट बैंक के लिए इस्तेमाल किया गया और जब सत्ता में आए तो उन्हें पैसे भेजना बंद कर दिया? क्या योजना का इस्तेमाल सिर्फ चुनावी एजेंडे के तौर पर किया गया, सरकार सभी को पैसे क्यों नहीं दे रही है, चुनाव के दौरान कहा गया था कि 18 से 50 साल की सभी महिलाओं को पैसे दिए जाएंगे. लेकिन जैसे ही राशि 1000 से बढ़ाकर 2500 की गई, योजना में कई तरह के दिशा-निर्देश लाए गए. कई तरह के दस्तावेज मांगे गए. 56 लाख 61000 से ज्यादा बेटियों के खाते में पहली किस्त ₹2500 पहुंची, लेकिन इसके बाद जब छठी, सातवीं और आठवीं किस्त भेजी गई लेकिन सिर्फ 38 लाख लाभुकों को बांकी को अब तक इसका लाभ क्यों नहीं दिया गया?
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार के लिए एक चुनौती से कम नहीं है. 38 लाख बेटियों और बहनों को सम्मान राशि मिल चुकी है, लेकिन 18 लाख से ज्यादा लाभार्थी ऐसे हैं जो पैसे के इंतजार में हर दिन बैंक के चक्कर लगा रहे हैं. यह मामला विधानसभा में भी गूंज रहा है, लेकिन मंत्री ने ऐसा जवाब दिया है, जिससे महिलाओं को थोड़ी राहत जरूर मिली है. इंतजार भले ही थोड़ा लंबा हो, लेकिन पैसा एक साथ उनके खाते में पहुंच जाएगा.
मंत्री ने सदन में स्पीकर के जरिए लोगों को जानकारी दी कि योजना से नाम नहीं हटाया है और न ही सरकार के पास पैसे की कोई कमी है. सरकार 56 लाख लोगों को पैसा देने के लिए पूरी तरह तैयार है.
बीजेपी ने सवाल उठाया कि सरकार की आखिर मंशा क्या है. कब तक ऐसे ही चलता रहेगा, क्या आने वाले दिनों में योजना बंद कर दी जाएगी. इस पर मंत्री चमरा लिंडा ने सदन के माध्यम से आम लोगों को जानकारी दी कि जो 18 लाख से ज्यादा महिलाओं को पैसा नहीं मिला है, इसमें आधार कार्ड लिंक की समस्या है, जैसे ही यह समस्या दूर हो जाएगी. सभी को पैसा भेज दिया जाएगा, अगर इस प्रक्रिया में ज्यादा समय लगता है तो कैबिनेट के जरिए प्रस्ताव लाकर सभी को एक साथ योजना की चार किस्त भेजी जाएगी. सरकार अपने वादे पर आज भी कायम है, अबुआ सरकार ने जो वादा किया था उसे पूरा किया जाएगा, हम किसी भी कीमत पर अपने वादे से पीछे नहीं हटने वाले हैं.
बता दें कि झारखंड में 56 लाख 61000 से ज्यादा मंईय़ां योजना की लाभार्थी हैं, लेकिन योजना की छठी, सातवीं और आठवीं किस्त सिर्फ 38 लाख लोगों को आई है, जिनका सत्यापन पूरा हो गया था उन्हें पैसा भेज दिया गया है, बाकी लोगों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है.
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