Ranchi : कोयला कारोबारी विपिन मिश्रा को शूट करने के वास्ते बिहार के बक्सर से दो शूटर अविनाश ठाकुर और शोभित सिंह को बुलाया गया था। वारदात को अंजाम देने के लिए दो लाख कैश और Austria मेड दो पिस्टल अमन साहू (अब मृत) के हुक्म पर आकाश रॉय उर्फ मोनू ने उपलब्ध करवाया था। विपिन मिश्रा पर फायरिंग करने से पहले उनकी रेकी की गयी थी। वहीं, मौका मिलते ही गुजरे सात मार्च को कांड को अंजाम दिया गया था। फायरिंग में विपिन मिश्रा और उनका ड्राइवर बेतरह जख्मी हो गये थे। दोनों को इलाज के लिए मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिलहाल दोनों लोग स्वस्थ्य होकर अपने-अपने घर जा चुके हैं। इस बात का खुलासा आज DIG सह रांची पुलिस कप्तान चंदन कुमार सिन्हा ने किया।
SSP चंदन सिन्हा ने मीडिया को बताया कि विपिन मिश्रा पर हमले को बेहद गंभीरता से लिया गया था। कांड को खुलासा करने और हमलावरों गिरफ्तार करने के वास्ते सिटी एसपी राजकुमार मेहता की देखरेख में SIT का गठन किया गया था। टीम में DSP स्तर के 6 अधिकारी, इंस्पेक्टर स्तर के 9 अधिकारी सहित 29 पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को शामिल किया गया था। टेक्निकल सेल की मदद ली गयी। मौका-ए-वारदात के आसपास लगे CCTV फुटेज को खंगाला गया। वारदात से कुछ रोज पहले और कुछ रोज बाद के फुटेज देखे गये। तफ्तीश में एक संदिग्ध बाइक दिखी। यह बाइक यामहा R15 थी, जिसका नंबर JH01F-7763 था। बाइक के जरिये SIT ने उसके ओनर करण उरांव को उठा लिया। पुलिस ने जब उससे अपने स्टाइल में पूछताछ की तो वह टूट गया और वारदात को अंजाम देने में शामिल बाकी लोगों के बारे में सबकुछ पुलिस को बता दिया। करण की निशानदेही पर पुलिस ने जगदीप सिंह उर्फ जग्गू के घर से बाइक बरामद कर ली। जग्गू का घर कांके थाना क्षेत्र के होचर बस्ती में है। जग्गू के मुंह खोलने के बाद कांड में शामिल शूटर अविनाख शुमार ठाकुर उर्फ सिल्लु, मकसुदन उर्फ सोभित सिंह, प्रेम प्रकाश पांडेय और रहमान अंसारी को गिरफ्तार कर लिया। ये सभी लोग बरियातु थाना क्षेत्र के एदलहातु के राम कृष्ण अन्क्लेव अपार्टमेंट के आठवें तल्ले पर स्थित गेस्ट हाउस से गिरफ्तार किया गया। इन लोगों के पास से दो पीस 9 एमएम GLOCK (मेड इन Austria) लोडेड पिस्टल, एक रेगुलर 9 एमएम पिस्टल एक 7.62 बोर का पिस्टल और 18 जिंदा गोलियां और 6 मैगजीन जब्त किया गया। गिरफ्तारी के दौरान प्रेम पांडेय और रहमान अंसारी भागने की कोशिश में पुलिस की गाड़ी से कूद गये, जिससे दोनों को गंभीर चोटें आई हैं। दोनों का इलाज रिम्स के कैदी वार्ड में चल रहा है।
SSP चंदन सिन्हा ने आगे बताया कि रायपुर जेल में बंद रहने के दौरान गैंगस्टर अमन साहू (अब मृत) के कहने पर इस घटना को अंजाम दिया गया। पूरे कांड की मॉनिट्रिंग प्रेम पांडेय कर रहा था। घटना को अंजाम देने के लिए जेल में बंद आकाश राय उर्फ मोनू ने प्रेम पांडेय को हथियार उपलब्ध कराया था। इसके बाद प्रेम पांडेय ने बक्सर से आए शूटर अविनाश ठाकुर और शोभित सिंह को बुलवाया। घटना को अंजाम देने के लिए बाइक का इंतजाम करण उरांव के जरिये किया गया, जबकि बाइक चलाने का काम रहमान को दिया गया। घटना के पहले विपिन मिश्रा की रेकी करने के लिए विशाल मुंडा को तैनात किया गया था। घटना के दिन बाइक चलाने में रहमान और दोनों शूटर घटनास्थल पर थे। दोनों शूटरों को प्रेम पांडेय ने श्री रामकृष्ण इंक्लेव में ठहराया था।
कार पर की थी फायरिंग
जरे सात मार्च को बरियातू में विपिन मिश्रा पर फायरिंग की गयी थी। एक बाइक पर सवार होकर आए तीन अपराधियों ने विपिन मिश्रा की कार पर गोलियां बरसाई थी। गोलीबारी में विपिन मिश्रा को दो गोलियां लगी थी। विपिन मिश्रा के निजी और सरकारी बॉडीगार्ड ने जब अपराधियों पर जवाबी फायरिंग की, तो वे फरार हो गए थे। फायरिंग के बाद अमन साहू के गैंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर घटना की जिम्मेदारी ली थी। इसी दौरान 11 मार्च को छत्तीसगढ़ से रांची लाने के दौरान अमन साहू एनकाउंटर में मारा गया था।
प्रेम पांडेय पहले विकास तिवारी गिरोह के लिए करता था काम
प्रेम पांडेय ने पुलिस को बताया कि बीते 15 फरवरी को वह रामगढ़ जेल से बाहर आया था। वर्तमान में मोरहाबादी स्थित श्री रामकृष्ण इंक्लेव के आठवें तल्ले पर मुन्ना सिंह के गेस्ट हाउस में मुन्ना के आदेश से रह रहा था। वह पहले विकास तिवारी के गिरोह में काम करता था। उसके चचेरे भाई भरत पांडेय को जनवरी में पलामू के चैनपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसकी जिम्मेदारी विकास तिवारी ने ली थी। इसके पहले उनके चाचा अशोक पांडेय की हत्या भी 2022 में विकास तिवारी ने करवा दी थी। गिरोह के वर्चस्व के कारण ये हत्याएं हुई थीं। जब वे रामगढ़ जेल में था, तो अमन साहू ने उससे संपर्क किया और मोनू राय उर्फ आकाश राय के जरिये सिग्नल एप से बात की और कहा कि मेरे गैंग में आ जाओ, मेरा काम करोगे तो सुरक्षित रहोगे। विकास तिवारी से लड़ाई के कारण वह अमन साहू के गैंग में शामिल हो गया और जेल से काम करने लगा। 28 फरवरी को शहीद चौक रांची में मोनू राय के आदमी ने अमन साहू के कहने पर दो लाख रुपये भिजवाए, जिसे करण से रिसीव किया। इसके बाद विपिन मिश्रा को गोली मारने की साजिश रची गई।
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