New Delhi : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को राज्यसभा में एक महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने कहा कि बिहार के मढ़ौरा स्थित रेल कारखाने में तैयार होने वाले लोकोमोटिव (इंजन) का निर्यात बहुत जल्द शुरू हो जाएगा. यह ऐतिहासिक कदम भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है, क्योंकि अब ‘मेड इन बिहार’ लोकोमोटिव दुनियाभर में निर्यात किए जाएंगे. मंत्री वैष्णव ने बताया कि बिहार के सारण जिले स्थित मढ़ौरा में इस फैक्ट्री में लगभग 100 लोकोमोटिव तैयार किए जा चुके हैं, जिनका निर्यात जल्द ही विभिन्न देशों में किया जाएगा. इस फैक्ट्री का सपना पहले रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने देखा था, लेकिन 2014 से इस पर काम शुरू हुआ और अब यह प्रोजेक्ट वास्तविकता में बदलने वाला है.
मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे ने यात्री और माल यातायात दोनों में वृद्धि की है. उन्होंने रेलवे के माल ढुलाई विभाग की सफलता को रेखांकित करते हुए कहा कि रेलवे अपनी माल ढुलाई से राजस्व अर्जित करता है और यात्री किराए में सब्सिडी प्रदान करता है. वैष्णव ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय रेलवे की वास्तविक लागत प्रति किलोमीटर 1.38 रुपये है, जबकि यात्री किराए में केवल 72 पैसे ही लिए जाते हैं. उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि भारत में 350 किलोमीटर की यात्रा का सामान्य श्रेणी का किराया 121 रुपये है, जबकि पाकिस्तान में यह 400 रुपये और श्रीलंका में 413 रुपये है.
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