Ranchi : अपराध की दुनिया में महारत हासिल कर कुख्यात बना अमन साहू के आतंक का अंत हो गया. झारखंड एटीएस की टीम ने बीते दिनों मुठभेड़ में अमन साहू को मार गिराया. लेकिन, कहानियां अमन साहू के एक से एक है. अमन साहू बचपन से दिलेर था. पतला सा लड़का निडर होकर किसी से भी भीड़ जाता था. अमन साहू को पहली बार इंस्पेक्टर रविकांत प्रसाद ने जेल भेजा था. पीटीपीएस थाना से अमन साहू को वर्ष 1997 में रंगेहाथ बाइक चोरी के आरोप में पकड़ाने पर जेल भेजा गया था. उस वक्त रविकांत प्रसाद पीटीपीएस थाना में जेएसआई हुआ करते थे. वर्तमान में इंस्पेक्टर रविकांत प्रसाद धनबाद जिला में पदस्थापित है. इससे पूर्व लंबे समय तक रविकांत प्रसाद सीआईडी में पदस्थापित थे.
7वीं कक्षा में पढ़ाई करता था अमन
बाइक चोरी मामले में पीटीपीएस थाना की गिरफ्त में आने पर अमन साहू ने पुलिस के समक्ष बयान दिया कि वह कक्षा सातवीं से पढ़ाई करता है. उसे पैसों का काम था, जिस कारण से उसने बाइक चुराया था. अमन के पिता निरंजन साहू शुरुआती दौर से ही राशन की दुकान चलाते थे. उन्हें मेहनत कर खाना पसंद था, तो बेटे को मुफ्तखोरी का.
बड़कागांव थाना से भागने के बाद चर्चा में आया अमन साहू
कुख्यात अमन साहू बड़कागांव थाना से सितंबर 2019 की रात पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था. इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी बर्खास्त तक होना पड़ा था. अमन साहू पर रांची में रंगदारी और अपराध की योजना बनाने से संबंधित मामले दर्ज हैं. जबकि राज्यभर के अलग-अलग थानों में 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं.
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