Ranchi : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन यानी सोमवार को जदयू विधायक सरयू राय ने जमशेदपुर को औद्योगिक नगरी बनाने की अधिसूचना को नियम विरुद्ध बताते हुए इसे रद्द करने की मांग उठाई। उन्होंने सरकार की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए।
इस पर नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने संवैधानिक प्रक्रिया का हवाला देते हुए जवाब दिया। सरयू राय ने नगरपालिका अधिनियम का उल्लेख करते हुए कहा कि उपायुक्त ही इस कमिटी की अध्यक्षता करेंगे, जबकि मंत्री ने जवाब दिया कि अधिनियम के अनुसार प्रभारी मंत्री या उपायुक्त, दोनों में से कोई भी कमिटी में रह सकता है।
दोनों नेताओं के बीच बहस बढ़ती गई, जिसमें संविधान, राज्य सरकार की नीतियों और नगरपालिका अधिनियम के प्रावधानों का उल्लेख किया गया। स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने सरयू राय से आग्रह किया कि वह मंत्री के साथ चैम्बर में बैठकर समाधान निकालें, लेकिन सरयू राय ने इसे ठुकराते हुए कहा कि अगर ऐसा करना है तो फिर सदन की क्या जरूरत? इस पर स्पीकर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन, सरकार और मंत्रिमंडल पर आप ही आरोप लगाते हैं!
विधि-व्यवस्था पर गरमाया सदन
झारखंड विधानसभा में शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होते ही सूचना के तहत भाजपा विधायक सीपी सिंह ने विधि व्यवस्था का मामला उठाया। डीजीपी को निशाने पर लिया। सिंह ने कहा कि लोगों का यहां जीना मुश्किल हो गया है। सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही। यहां का डीजीपी जिम्मेदार नहीं है। वह कहते हैं कि जो भी घटनाएं हो रही हैं, उसकी प्लानिंग जेल से हो रही है। क्या जेल झारखंड से बाहर है? अगर प्लानिंग जेल से हो रही है तो फिर उद्भेदन क्यों नहीं किया जा रहा। रिमांड पर लेकर पूछताछ करनी चाहिए। किसी का जीवन सुरक्षित नहीं। चाहे विधायक हों, मंत्री हो या फिर जनता। इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर सोमवार को ही विधानसभा परिसर में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने मीडिया से बात करते कहा था कि जेल के अंदर बंद अपराधियों से सभी अपराध के तार जुड़े हैं। कुछ अपराधियों का जेल ट्रांसफर भी किया गया। उन्होंने गैंगस्टर विकास तिवारी, अमन साहू और अमन श्रीवास्तव का नाम लेकर भरोसा दिलाया कि जल्द ही मामले का खुलासा कर लिया जाएगा।
मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक तीन बड़ी आपराधिक घटनाएं हुई हैं। हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम कुमार गौरव की हत्या मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। इस घटना के बाद पुलिस सवालों के घेरे में है। हालांकि रांची के आश्रम में हुए डबल मर्डर केस (एक साधु और एक ड्राइवर) मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। रांची में कोयला कारोबारी पर जानलेवा हमला मामले में डीजीपी कह चुके हैं कि अपराधियों की पहचान हो गई है। एसआईटी पूरे मामले की जांच कर रही है।
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