Patna : बिहार की नीतीश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में राज्य के विकास को प्राथमिकता दी है. जिसमें खास तौर पर शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है. डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने आज, 3 मार्च को बिहार विधानसभा में बजट पेश करते हुए राज्य के विकास के लिए कई अहम घोषणाएं की.
प्रखंडों में खोले जाएगे कॉलेज
बजट में सबसे बड़ा जोर शिक्षा पर है. जहां सरकार ने 60,974 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट आवंटित किया है. चुनावी साल में राज्य सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, जिसमें सभी प्रखंडों में सरकारी या निजी डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है.
छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप दोगुना करने का ऐलान
इसके अलावा, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप को दोगुना करने का ऐलान भी किया गया है. इसके लिए सरकार ने अतिरिक्त 875 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा है. सम्राट चौधरी ने कहा कि पिछड़ा एवं अति पिछड़ा प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत मिलने वाली राशि को वित्तीय वर्ष 2025-26 में दोगुना किया जाएगा. जिसके लिए सरकार 260 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी.
स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े फैसले
पीपीपी मोड पर निजी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे और नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना भी की जाएगी. इसके अलावा, सरकार ने राज्य के 40 प्रखंडों में 720 सीटों की क्षमता वाले आवासीय विद्यालयों की स्थापना का भी ऐलान किया है, विशेष रूप से एससी-एसटी वर्ग के छात्रों के लिए. इनमें से 14 विद्यालयों का निर्माण अगले एक साल में पूरा कर लिया जाएगा.
बजट में विभिन्न विभागों के लिए आवंटित राशि इस प्रकार है :
- शिक्षा विभाग: 60,974 करोड़ रुपये
- स्वास्थ्य विभाग: 20,335 करोड़ रुपये
- ग्रामीण सड़कों के लिए: 17,908 करोड़ रुपये
- गृह विभाग: 17,831 करोड़ रुपये
- ग्रामीण विकास: 16,043 करोड़ रुपये
- ऊर्जा विभाग: 13,484 करोड़ रुपये
- समाज कल्याण, एससी-एसटी, अल्पसंख्यक, पिछड़ा और अति पिछड़ा कल्याण विभाग: 13,000 करोड़ रुपये से अधिक
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