Ranchi (KISHLAY SHANU) : राज्य के कई जिलों में दहशत कायम करने वाला आक्रमण गंझू की कहानी किसी से छिपी नहीं है. यूं कहे तो टीएसपीसी संगठन का रिजनल कमांडर रविन्द्र गंझू उर्फ आक्रमण गंझू उर्फ आक्रमण को पुलिस की हर चाल की भनक समय से पहले लग जाती थी. लेकिन, चतरा एसपी IPS विकास पांडेय की दिमाग के सामने आक्रमण की हर चाल कमजोर पड़ा और इसका बड़ा फायदा चतरा पुलिस को मिला. इसका सबूत आक्रमण की गिरफ्तारी से होता है. रिजनल कमांडर आक्रमण ने बिहार से पलामू जाना का वैसा समय चुना था, जब पुलिस नींद की गहराई में होती है. लेकिन, चतरा एसपी विकास पांडेय की चाल ने आक्रमण को उस वक्त मात दिया, जब खुद को सुरक्षिज समझते हुए मध्य रात्रि में चार पहिया वाहन से अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहा था. मगर, शेरघाटी- हंटरगंज रोड में पत्सुगिया पुल के पास IPS विकास पांडेय की टीम ने घेराबंदी कर सूझबूझ से आक्रमण को पत्नी समेत अन्य दो सक्रिय सदस्यों के साथ पकड़ लिया. आक्रमण की गिरफ्तारी से टीएसपीसी संगठन को बहुत बड़ा झटका लगा है.
इंग्लिश हथियार का शौकिन है आक्रमण गंझू
चतरा एसपी ने जोहार लाइव से बातचीत में कहा कि गिरफ्तार आक्रमण गंझू हथियारों का बड़ा शौकिन है. बाल अवस्था से ही आक्रमण गोली चलाने का शौक रखता था. हथियार सप्लायर आक्रमण को इंग्लिश हथियार उपलब्ध करवाता था. आक्रमण इंग्लिश हथियार (बरेटा, कोल्ट, यूएसए) का ज्यादा इस्तेमाल करता था. अपने पास हमेशा इंग्लिश का दो पिस्टल ब्लू रंग के बैग में रखता था. दस्ता के साथ चलने में सिर्फ बड़ा हथियार साथ में रखता था और बाकि समय खुद छोटे हथियार को बैग में रख किसी भी जगह आना-जाना करता था.
आक्रमण बचपन में जुड़ा था माओवादी के बाल दस्ता में
विकास पांडेय ने कहा कि गिरफ्तार आक्रमण गंझू वर्ष 1996 में माओवादियों के बाल दस्ता से जुड़ गया था. दो वर्ष तक बाल दस्ता में काम किया और फिर वापस घर लौट गया. कुछ समय घर बिताने के बाद आक्रमण फिर से माओवादियों के संगठन से जुड़ा. लंबे समय तक माओवादियों के लिए काम किया. इसके बाद वर्ष 2004 में आक्रमण, ब्रजेश गंझू उर्फ सरदार जी, नगिना गंझू समेत अन्य 20 से 25 दस्ता सदस्य माओवादियों का 25 से 30 हथियार लेकर संगठन से भाग गया. फिर इनलोगों ने मिलकर टीएसपीसी संगठन का विस्तार किया और चतरा, लातेहार, पलामू इलाके में लेवी वसूलना शुरु किया.
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