Varanasi : उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की वाराणसी इकाई और राेहनिया पुलिस ने शनिवार को मोहनसराय अंडरपास के पास छापेमारी कर 5.400 किग्रा चरस के साथ उस्मानपुरा जैतपुरा निवासी तस्कर को दबोच लिया। बरामद चरस की कीमत लगभग ढाई कराेड़ रुपये आंकी गई है। मिली जानकारी के अनुसार तस्कर ड्रग्स माफियाओं के साथ मिलकर मादक पदार्थों की तस्करी करने में लिप्त रहा है।
STF के स्थानीय अफसरोें के अनुसार अन्तर्राज्यीय स्तर पर मादक पदार्थ की तस्करी की सूचना मिल रही थी। इस संबंध में STF की कई टीमें तस्करों के सुराग में जुटी हुई थी। वाराणसी के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह और STF फील्ड इकाई भी इस कार्य में लगी हुई थी। इसी दौरान सही सूचना और लोकेशन मिलते ही वाराणसी टीम ने मोहनसराय अंडरपास से तस्कर रामबाबू के बेटे अछैवर को चरस के साथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी तस्कर मनाली से दिल्ली बस से आया और इसके बाद दिल्ली से बस से वाराणसी मोहनसराय आया था। पूछताछ में रामबाबू ने अफसरों को बताया कि इस गिरोह का सरगना वाराणसी चौक नीलकंठ निवासी देवेन्द्र कुमार मिश्रा अपने भाई महेन्द्र मिश्रा उर्फ छोटू और उसे लेकर मनाली गया था। देवेन्द्र ने चरस के साथ उसे बस में बैठा दिया था। वह चरस लेकर अकेले ही बस से वाराणसी आया था। इसके पहले STF ने इस गिरोह के दो सदस्यों संतोष कुमार झा और शिखा वर्मा को सुल्तानपुर में चरस के साथ पकड़ा था। दोनों ने गिरोह के कार्य प्रणाली के बारे में बताया था। गिरोह चरस, गांजा, हसीस, स्मैक आदि नशीले पदार्थ हिमाचल प्रदेश के मनाली, बिहार व नेपाल के बार्डर से भारी मात्रा में बस से वाराणसी लेकर आता है। इस मादक पदार्थ को गिरोह के सदस्य वाराणसी और आसपास के जनपदों में बेचते है।
गिरफ्तार तस्कर ने बताया कि हिमांचल प्रदेश के तनु नामक व्यक्ति से माल (मादक पदार्थ) लिया जाता है। इसके बाद इसे वाराणसी में लाकर मुकेश मिश्रा उर्फ श्याम व मिठ्ठू नामक डिलेवरी ब्वाय के माध्यम से वाराणसी के विभिन्न स्थानों के साथ-साथ वाराणसी के बाहर भी भेजा जाता है। गैंग सरगना के भाई महेन्द्र ने उसे मनाली से चरस लाने पर 20 हजार रूपए देने का लालच दिया था। STF के अफसरों के अनुसार गिरफ्तार तस्कर के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्रवाही की जा रही है।
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