Ranchi : 7 मार्च को रांची विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में इंस्टीट्यूट आफ लीगल स्टडीज में टॉप करने वाले पहले सत्र के विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल नहीं देने के निर्णय का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कड़ा ऐतराज जताया है।
इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सह मंत्री ऋतुराज शाहदेव ने कहा कि विश्वविद्यालय के अंदर इस प्रकार का भेदभाव करने से विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों पर भी असर पड़ता है। साथ ही वैसे विद्यार्थी जो इतनी मेहनत के बाद दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक पाने के हकदार होते हैं उन्हें इससे वंचित करके विश्वविद्यालय मानसिक रूप से वैसे विद्यार्थियों को कमजोर कर रही है, इससे विद्यार्थियों का उत्साह कम होता है और वे खुद को भेदभाव का शिकार भी महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बी.बी.ए. एलएलबी रांची विश्वविद्यालय का सबसे महंगा कोर्स है जिसको पढ़ने के लिए विद्यार्थी दिन-रात मेहनत करते हैं। यदि पहले ही सत्र के विद्यार्थियों के साथ इस प्रकार की घटना होगी तो उनके शैक्षणिक स्तर में भी इसका प्रभाव पड़ेगा और संस्थान का स्तर भी इससे गिरेगा। रांची विश्वविद्यालय को इस प्रकार के शैक्षणिक भेदभाव से बचना चाहिए।
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