Mumbai : रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) का चेयरमैन नियुक्त किया जा चुका है. यह जिम्मेदारी टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को दी गई है. यह फाउंडेशन एक सेक्शन 8 कंपनी है, जिसे दिवंगत रतन टाटा ने स्थापित किया था. रतन टाटा ने अपनी अधिकांश संपत्ति को दान और परोपकारी कार्यों के लिए इस फाउंडेशन को समर्पित किया था और उन्होंने अपनी वसीयत में चंद्रशेखरन को इसका चेयरमैन बनाने की इच्छा व्यक्त की थी.
सूत्रों के अनुसार, रतन टाटा की वसीयत के एग्जीक्यूटर्स ने बाहरी कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने के बाद चंद्रशेखरन की नियुक्ति की. टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन बनने से संबंधित नियम यहां लागू नहीं होते क्योंकि यह फाउंडेशन ट्रस्ट से अलग है. इस फाउंडेशन का हिस्सा टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा नहीं होंगे.
चंद्रशेखरन अब जल्द ही फाउंडेशन के मैनेजमेंट स्ट्रक्चर को औपचारिक रूप देंगे और उस टीम का गठन करेंगे जो इसे चलाएगी. इसके अलावा, रतन टाटा की संपत्ति का वितरण मार्च के अंत में वसीयत के प्रोबेट के लिए जमा होने और बॉम्बे हाईकोर्ट से प्रमाणित होने के बाद किया जाएगा. इस प्रक्रिया में छह महीने तक का समय लग सकता है.
टाटा समूह की कंपनियों में रतन टाटा की हिस्सेदारी, टाटा टेक्नोलॉजीज और टाटा डिजिटल में होल्डिंग से फाउंडेशन को धन प्राप्त होगा.
रतन टाटा की कुल संपत्ति लगभग ₹8,000 करोड़ थी, हालांकि अनुमान है कि उनकी वास्तविक संपत्ति इससे अधिक हो सकती है. उनके पास टाटा संस की होल्डिंग के अलावा लग्जरी कारों का बेड़ा, महंगी पेंटिंग्स, स्टार्टअप्स में निवेश और अन्य निवेश भी थे. उनकी पर्सनल इनवेस्टमेंट कंपनी RNT एसोसिएट्स के पास ₹186 करोड़ का निवेश था, जिसकी वैल्यू अब कई गुना बढ़ चुकी है.
यह नियुक्ति एक महत्वपूर्ण कदम है जो रतन टाटा के दृष्टिकोण और उनके द्वारा स्थापित परोपकारी संस्थाओं की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है.
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