Johar live desk: एक साल का बीएड पाठ्यक्रम फिर से शुरू होने जा रहा है, नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने इस प्रोग्राम को दोबारा शुरू करने की मंजूरी दे दी है। नए नियमों के मुताबिक, एक साल के बैचलर ऑफ एजुकेशन प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए कैंडिडेट्स को पोस्टग्रेजुएट होना चाहिए या चार साल के ग्रेजुएशन डिग्री हासिल करने वाले अभ्यर्थी इस कोर्स में दाखिला के लिए अप्लाई कर सकेंगे।
एक साल के एमएड डिग्री में दाखिले के लिए भी चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड और दो साल की बीएड की डिग्री धारक अप्लाई कर सकते हैं। एक साल के बीएड और एमएड कोर्स में दाखिले की शुरुआत अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से करने की तैयारी है।इस पाठ्यक्रम में होने वाले बदलाव, नई शिक्षा नीति 2020 के तहत किया जा रहा है। बता दें कि एक साल के पाठ्यक्रमों की शुरुआत होने से निश्चित तौर पर कैंडिडेट्स के समय की बचत हो सकेगी। साथ ही दो सालों में लगने वाली फीस सहित अन्य खर्चों में भी कटौती हो सकेगी।
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन के एनसीटीई रेग्यूलेशन 2025 को केंद्र सरकार ने मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंजूरी दे दी गई है। अनुमति मिलने के बाद अब, बीएड पाठ्यक्रम के स्वरूप पूरी तरह से बदल जाएगा।
साल 2014 में एक साल के बीएड प्रोग्राम को बंद कर दिया गया था। एनसीटीई ने अब 11 साल बाद इस पाठ्यक्रम को दोबारा शुरू करने का फैसला लिया है। एक साल के बीएड और एमएड कोर्स में दाखिले की शुरुआत अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से करने की तैयारी है। इससे जुड़ी सभी जरूरी तैयारियों को पूरा किया जा रहा है, जिससे अगले वर्ष से इस पाठ्यक्रम को शुरू किया जा सके।
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