Johar live desk: संपूर्ण ब्रह्माण्ड ज्योतिर्लिंग करने वाले महाशिवरात्रि का पवन पर्व 26 फरवरी को पड़ रहा है।यह दिन शिव भक्त तथा सनातनियों के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। शिवरात्रि पर द्वादश ज्योतिर्लिंग के साथ साथ सभी शिव मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन बाबा भोलेनाथ की भक्ति में सभी शिव भक्त व्रत, अभिषेक कर शिव जी की बड़ी धूम धाम से भारत निकलते है।
रात्रि 12 बजे से होगी निशा।
पूजा (पूजा का उत्तम समय)
चार प्रहर में चार बार होता है बाबा का पूजन श्रृंगार।
देवों के देव महादेव वरदान देने में जहाँ सबसे जल्द प्रसन्न हो जाते हैं वही मनचाहा वरदान भी देने में क्षण भर की भी देरी नही करते हैं। खास कर जब बाबा को मनाने की बात आती हो तो शिवरात्रि और श्रावण मास बहुत ही उत्तम होता है। इस वर्ष शिवरात्रि में बाबा के पूजन से सारी मनोकामना पूर्ण के साथ मनचाहा वरदान भी मिलेगा।
ऋषिकेश पञ्चाङ्ग के अनुसार 26 फरवरी को फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी प्रातः 09: 29 में प्रारंभ होगा वही फाल्गुन कृष्ण चतुर्दसी 27 फरवरी को प्रातः 08: 09 मिनेट तक रहेगा। शिवरात्रि प्रदोष कालीन पूजा है इसलिए 26 फरवरी को मनाया जाएगा।
शिवरात्रि के दिन पूरे नियम संयम से उपवास कर बाबा भोलेनाथ का पूजा चारो प्रहर में करना चाहिए।
शिव शक्ति और भक्ति का महा पर्व शिवरात्रि इस बार 26 फरवरी को मनाया जायेगा। इस बार महाशिवरात्रि पर विशेष संयोग बन रहे हैं, जिसमें पूजा-व्रत करना शुभ फलदायी रहेगा। इस महाशिवरात्रि माता शक्ति और महादेव कृपा होगी।
साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की शिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी दिन सृष्टि के निर्माण के साथ साथ शिव और माता शक्ति का शुभ विवाह भी संपन्न हुआ था।
पूजा विधि: शिवरात्रि के दिन भक्त उपवास रख कर भोलेनाथ और माँ पार्वती की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। शिवरात्रि में धार्मिक अनुष्ठान का विशेष महत्व है। इस दिन शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी होता है साथ है महा मृत्युंजय मन्त्र का जप करना चाहिए। भगवान भोलेनाथ की जल, दूध, घी, मधु, गन्ने का रस, गंगा का जल आदि से अभिषेक किया जाता है साथ ही बेल, धतूरा, बेलपत्र, भांग, आक के पुष्प नाना प्रकार के फल और पुष्प से उनका श्रृंगार कर पूजन करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते है और भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
शुभ मुहूर्त :
रात्रि 12 बजे मुख्य पूजा होगी। इसमें चार प्रहर में प्रथम प्रहर पूजन का समय 26 फरवरी को संध्या 6:19 से लेकर रात 9: 26 मिनट तक रहेगा।
दूसरा पहर के पूजन का समय रात्रि 09 :26 मिनट अर्धरात्रि 12: 34 मिनट तक रहेगा।
तीसरे पहर के पूजन का समय रात्रि 12: 34 मिनट से सुबह 3
03: 41 मिनट तक रहेगा।
चौथे पहर के पूजन का समय 27 फरवरी प्रातः 03: 41 से प्रातः 06:48 मिनट तक रहेगा.।
प्रसिद्ध ज्योतिष
आचार्य प्रणव मिश्रा
आचार्यकुलम, अरगोड़ा, राँची
8210075897
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