Ranchi : रांची PMLA (प्रीवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिग एक्ट) की विशेष कोर्ट ने ED की ओर से दाखिल उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें एजेंसी ने कोर्ट से यह आग्रह किया था कि पूजा सिंघल को कोई विभाग ना दिया जाये. इस आदेश से पूजा सिंघल को बड़ी राहत मिली है.ED और पूजा सिंघल की ओर से बहस पूरी करने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.
दरअसल ED ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर यह कहा कि अगर पूजा सिंघल को राज्य सरकार किसी विभाग की जिम्मेदारी देती है तो वह अपने पद का दुरुपयोग कर केस को प्रभावित कर सकती हैं. लेकिन कोर्ट ने यह माना है कि पूजा सिंघल को पोस्टिंग देने का अधिकार राज्य सरकार को है और कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा.
कोर्ट नें क्यों खारिज की याचिका :
पीएमएलए कोर्ट ने IAS पूजा सिंघल की पोस्टिंग को लेकर ईडी की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दिया कि:
- पहली बात तो यह कि कोर्ट ने जो शर्तें लगाई थीं, वे पहले ही काफी हैं और कोर्ट को और शर्तें जोड़ने की जरूरत महसूस नहीं होती.
- दूसरी बात यह कि किसी अधिकारी की तैनाती करना राज्य सरकार का अधिकार क्षेत्र का मामला है और अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती.
- तीसरा, ईडी की याचिका में जो कुछ भी कहा गया है वह केवल एक आशंका और अनुमान है कि वह क्या करेगी, लेकिन यह कहने के लिए कोई सामग्री नहीं है कि उसने मुकदमे पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए कुछ भी किया है।
बता दें कि मनरेगा घोटाला की अभियुक्त IAS अधिकारी पूजा सिंघल को केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. इससे पहले पांच मई 2022 को ईडी ने पूजा सिंघल के 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी में ईडी को बेहिसाब पैसे और अन्य जगहों पर इन्वेस्टमेंट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी. ED की छापेमारी के दौरान पूजा सिंघल के सीए सुमन सिंह के आवास और कार्यालय से 19.31 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी. पूजा सिंघल को दिसंबर महीने की 7 तारीख को बीएनएस कानून के तहत जेल से रिहा किया गया है. हालांकि वह अब भी मनी लॉन्ड्रिंग केस में अभियुक्त हैं. लेकिन कानूनी प्रावधानों के अनुसार, जेल से बाहर रहने के दौरान उनका सस्पेंशन खत्म किया जा चुका है. फिलहाल सरकार ने पूजा सिंघल को IT सचिव बनाया है.
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