Ranchi : Ranchi : झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता से नशे की खेती करने वालों की कमर की रीढ़ तोड़ देने की खुली छूट मिलने के बाद झारखंड पुलिस पूरी तरह से रेस है। अफीम की अवैध खेती को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया जा रहा है। अफीम के अवैध फसल को पुलिस के ट्रैक्टरों से रौंदकर खत्म किया जा रहा है। वहीं, नशे की खेती करनेवालों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है। पुलिस की पहल पर नशे की खेती के खिलाफ लोगों को जगाया तक जा रहा है। इसके लिए LED वाहनों के जरिये प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। साथ ही लोगों को अफीम के दुष्प्रभाव के बारे में बताया जा रहा है। गांव के लोग भी अब अवैध फसल को नष्ट करने में पुलिस का साथ दे रहे हैं।
अफीम की अवैध खेती को जड़ से खत्म करने के वास्ते पुलिस ने पांच फरवरी से 17 फरवरी तक बड़ा अभियान चलाया है। “स्पेशल ड्राइव ड्यूरिंग कल्टिवेशन ऑपरेशन अगेंस्ट ओपियम” अभियान के तहत अफीम को नष्ट करने का काम किया जा रहा है। इस अभियान में SP से लेकर DSP, थानेदार और जवानों को झोंका गया है। रांची प्रक्षेत्र के खूंटी, रांची, सरायकेला-खरसावां और चाईबासा में पुलिस ने इस अभियान के तहत अफीम के अवैध फसल को रौंद डाला है। जिलों के पुलिस कप्तान और DSP स्तर के 11 अधिकारियों की देखरेख में लोकल थाना और 1500 जवान रांची प्रक्षेत्र में ऑपरेशन चला रहे हैं।
ऑपरेशन के दरम्यान खूंटी में 6473 एकड़ में अफीम की खेती को नष्ट किया गया और 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया। रांची में 2484 एकड़ में अफीम की खेती को तहस-नहस कर 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया। चाईबासा में 394 एकड़ में अफीम की खेती को नष्ट किया गया। वहीं, सरायकेला-खरसावां में 520 एकड़ में अफीम की खेती को नष्ट किया कर 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
कुल मिलाकर इन जिलों में 9871 एकड़ में लगे अवैध अफीम के फसल को नष्ट किया गया और 86 लोगों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है। एक एकड़ में लगी अफीम के फसल से करीब 3 से 4 किलोग्राम अफीम की पैदावार होती है। इसकी अनुमानित कीमत बाजार में 4 से 5 लाख रुपये होती है।
रांची दक्षिणी प्रक्षेत्र के IG अखिलेश झा के नेतृत्व में अभियान में शामिल तमाम पुलिस अधिकारियों और जवानों ने यह उम्दा कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दे, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। पुलिस ने बताया कि खेती करने पर जुर्माना के साथ कठोर कारावास और 20 सालों की सजा हो सकती है।
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