Bihar : अब शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए मुख्यालय से जिलों को शिक्षक का नाम नहीं, बल्कि कोड जारी किया जाएगा. इस कोड के माध्यम से शिक्षक की पहचान होगी, और न तो मुख्यालय के अधिकारी और न ही जिलों के अधिकारी संबंधित शिक्षक की पहचान जान पाएंगे. यह प्रक्रिया एक नए सॉफ्टवेयर के माध्यम से होगी, जिसका उद्देश्य ट्रांसफर प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाना है.
अगले सप्ताह से जिलों को यह कोड भेजे जाने की संभावना है. शिक्षक के ट्रांसफर के लिए राज्यभर से आवेदन मांगे गए थे, और इन आवेदनों की स्क्रूटनी के लिए 18 अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी केवल उन आवेदनों को मंजूरी देगी जो निर्धारित गाइडलाइनों के तहत सही पाए जाएंगे.
DEO अजय कुमार सिंह ने बताया कि राज्य स्तर से मंजूरी प्राप्त आवेदन के बाद संबंधित जिलों को कोड भेजा जाएगा. शिक्षकों के द्वारा दिए गए विकल्पों के अनुसार, संबंधित पंचायत या निगम के विद्यालयों में रिक्ति के आधार पर ही उनका ट्रांसफर किया जाएगा. यदि किसी शिक्षक द्वारा दिए गए विकल्प में रिक्ति नहीं है, तो उसे दूसरे विकल्प वाले जिले में भेजा जाएगा.
मुजफ्फरपुर जिले में तीन हजार से अधिक रिक्तियां हैं, और ट्रांसफर प्रक्रिया प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी. DEO ने यह भी बताया कि किसी शिक्षक को मनचाही पोस्टिंग नहीं मिलने पर यदि वह स्कूल जाने से इनकार करता है, तो यह मामला उलझ सकता है.
महत्वपूर्ण बिंदु :
- शिक्षक के आवेदन में केवल निगम या पंचायत का नाम होगा, स्कूल का नाम नहीं.
- शिक्षक का कोड सॉफ़्टवेयर पर सबमिट होते ही जेनरेट होगा.
- कोड संबंधित जिले के DEO के मेल पर भेजा जाएगा, इसमें शिक्षक का नाम नहीं होगा.
यह नया सिस्टम शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर पारदर्शिता को बढ़ाएगा और भविष्य में किसी भी तरह की गलतफहमी और विवादों को कम करने में मदद करेगा.
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