New Delhi : दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में दोषी करार दिया गया है. यह मामला 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार में हुए दो सिख व्यक्तियों, जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से जुड़ा हुआ है.
कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ अपना फैसला सुनाया. यह फैसला 41 साल बाद आया है. विशेष जांच दल (SIT) ने आरोप लगाया कि सज्जन कुमार ने हिंसक भीड़ का नेतृत्व किया और उनके उकसाने पर भीड़ ने दोनों व्यक्तियों को जिंदा जला दिया. इसके साथ ही उन्होंने पीड़ितों के घरों में लूटपाट और नष्ट करने की घटनाओं को अंजाम दिया.
इस मामले में सज्जन कुमार का बयान 1 नवंबर 2023 को कोर्ट में दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने सभी आरोपों से इंकार किया था. 31 जनवरी को सुनवाई के दौरान सज्जन कुमार के वकील ने दलील दी थी कि उनका नाम शुरू से इस मामले में नहीं था और गवाह ने 16 साल बाद उनका नाम लिया था. वहीं सरकारी वकील ने यह तर्क दिया कि पीड़िता सज्जन कुमार को नहीं जानती थी, लेकिन जब उसे पता चला कि वह कौन हैं, तो उसने अपने बयान में उनका नाम लिया.
सज्जन कुमार पहले से ही दिल्ली कैंट में सिख विरोधी दंगों के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. अब इस मामले में सज्जन कुमार की सजा पर बहस 18 फरवरी को होगी.
Also Read : पलामू में दो घंटे बाधित रहा ट्रेनों का परिचालन… जानें क्यों
Also Read : पूरा परिवार गया रिश्तेदार के घर, जवान बेटा कर गया खौफनाक कांड
Also Read : राजधानी के इस इलाके में दिनदहाड़े पांच लाख की लूट
Also Read : अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन, CM योगी ने जताया शोक
Also Read : माघ पूर्णिमा पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, CM ले रहे हैं पल-पल का Update