Ranchi : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने छेड़छाड़ पीड़िता की तस्वीर वायरल करने से संबंधित केस में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने उन्हें इसकी इजाजत दे दी है। बता दे कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा था कि यह याचिका विचार योग्य नहीं है। इरफान अंसारी वर्ष 2018 में छेड़छाड़ की शिकार एक बच्ची से मिलने हॉस्पिटल गए थे। बच्ची से मुलाकात की तस्वीर वायरल होने से उसकी पहचान उजागर हो गई।
आरोप है कि यह तस्वीर इरफान अंसारी के मोबाइल से वायरल हुई। इसे लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पिछले वर्ष इस मामले में निचली अदालत ने संज्ञान लिया था। एमपी-एमएलए कोर्ट में उनके खिलाफ ट्रायल चल रहा है। इरफान अंसारी ने ट्रायल रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने सितंबर 2024 में उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद इरफान सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि आप हर चीज के लिए प्रचार क्यों चाहते हैं?
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा था कि बच्ची से मुलाकात के दौरान कानून के तहत अनिवार्य आवश्यकताओं का पालन नहीं किया गया। जस्टिस नागरत्ना ने पूछा था कि विधायक को अगर पीड़िता से मिलना था तो क्या वह अकेले या एक-दो लोगों के साथ नहीं जा सकते थे? वह समर्थकों का समूह लेकर पीड़िता से क्यों मिलने गए थे?
अदालत की इस प्रतिकूल टिप्पणी के बाद इरफान अंसारी ने अपनी याचिका वापस ले ली।
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