Johar live desk: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एआईएमआईएम नेता बाबर खान द्वारा दायर याचिका पर अपना जवाब जमशेदपुर न्यायालय में दाखिल किया है। उन्होंने लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा है कि वे एक जिम्मेदार नागरिक हैं और शिकायतवाद में आरोप मनगढ़ंत और राजनीतिक लाभ के लिए लगाए गए हैं।
सरमा के अधिवक्ताओं ने जवाब में बताया कि वादी बाबर खान खुद एआईएमआईएम पार्टी की टिकट पर जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा से चुनाव लड़ रहे थे। सरमा आम चुनाव में राजनीतिक एवं सामाजिक मुद्दे पर अपनी बातों को रख रहे थे और कहीं से भी नफरत को बढ़ावा नहीं दिया।
अदालत को बताया गया है कि समाचार पत्र को उद्धृत किया गया है जो कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोप गठित करने के लिए आवश्यक कानूनी दायरे को पूरा नहीं करता है। ऐसे में शिकायत वाद को खारिज कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि कार्रवाई का आधार स्थापित करने में वादी असफल और आरोप पूरी तरह से अस्पष्ट हैं।
सरमा की ओर से अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह, अधिवक्ता लाल अजीत कुमार अंबष्ट, अधिवक्ता ए चौधरी एवं अधिवक्ता एस रहमतुल्लाह ने 14 पन्नों का जवाब बीएनएनएस की धारा 223 के तहत दाखिल किया है। जमशेदपुर के न्यायिक दंडाधिकारी आलोक कुमार की अदालत को बताया गया है कि आरोपी-जवाबकर्ता असम के मुख्यमंत्री हैं। वे एक जिम्मेदार नागरिक हैं।
शिकायतवाद में आरोप मनगढ़ंत और केवल सस्ती लोकप्रियता एवं राजनीतिक लाभ के इरादे से लगाये गये हैं। शिकायतवाद में कोई ठोस तथ्य नहीं है, जिनके आधार पर आरोप साबित हो सके। जवाबकर्ता के वक्तव्य से कहीं भी लड़ाई-झगड़ा नहीं हुआ, न विद्वेष को बढ़ावा मिला और ना ही सामाजिक अव्यवस्था उत्पन्न हुई।
विधानसभा चुनाव के दौरान छह नवंबर 2024 को बाबर खान ने हेट स्पीच का आरोप लगाते हुए शिकायतवाद न्यायालय में दायर किया था। इसके बाद कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए असम के मुख्यमंत्री को चार नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
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