Johar Live Desk : उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने उपभोक्ता मुद्दों का त्वरित और कुशल समाधान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वाला राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) प्रणाली को अपनाया है. यह हेल्पलाइन हिंदी, अंग्रेजी, कश्मीरी, पंजाबी, नेपाली, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलुगु, तमिल, मलयालम, मैथिली, संथाली, बंगाली, ओडिया, असमिया और मणिपुरी सहित 17 भाषाओं में उपलब्ध है. यह हेल्पलाइन राष्ट्रीय अवकाशों को सभी दिन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक काम करती है.
यह NCH प्रणाली शिकायतों का क्षेत्रवार विश्लेषण प्रदान करती है. इन तकनीक के कारण NCH द्वारा प्राप्त कॉलों की संख्या में 10 गुणा वृद्धि हुई है. दिसंबर 2015 में यह 12,553 थी जो दिसंबर 2024 में 1,55,138 तक पहुंच गई. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि यह वृद्धि, हेल्पलाइन में उपभोक्ताओं के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है.
इसी तरह, प्रति माह दर्ज की जाने वाली शिकायतों की औसत संख्या 2017 में 37,062 से बढ़कर 2024 में 1,12,468 हो गई है. मंत्रालय ने बताया कि डिजिटल रूप से दर्ज की जाने वाली शिकायतों की मासिक औसत संख्या वित्त वर्ष 2023-24 में 54,893 से बढ़कर दिसंबर 2024 तक 68,831 हो गई थी. इसलिए, विभाग सभी उपभोक्ताओं से आग्रह करता है कि वे किसी भी उत्पाद या सेवा से संबंधित शिकायत के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन का उपयोग करें.
शिकायतों का तेजी से समाधानः
2024 में उपभोक्ता शिकायतों की समस्या के समाधान की दर घटकर 48 दिन हो गयी, जो 2023 में 66.26 दिन थी. यह समाधान समय में पर्याप्त सुधार को दर्शाता है. जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उपभोक्ताओं की चिंताओं का तुरंत समाधान किया जाए. इस पहल ने पहले ही आशाजनक परिणाम दिए हैं. खासकर शिक्षा जैसे क्षेत्रों में, जहां उपभोक्ता शिकायतों का तेजी से समाधान किया गया.
मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के एक उपभोक्ता ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि उसे इंटरनेट सेवा प्रदाता से उन सेवाओं के लिए रिफंड प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा जो उपलब्ध नहीं थी. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर पहुंचने के बाद, समस्या का तुरंत समाधान हो गया. कंपनी ने पूरा रिफंड जारी किया. इसके अलावा भी अन्य उपभोक्ताओं ने भी उनकी परेशानियों के समाधान की सराहना की.
कर्नाटक के एक उपभोक्ता ने ऑनलाइन रिटेलर से प्राप्त खराब उत्पाद के रिफंड और वापसी की शिकायत दर्ज करायी. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) के हस्तक्षेप के बाद, उत्पाद को बदल दिया गया. इससे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की सेवाओं में लोगों का विश्वास और बढ़ा है.
राजस्थान के एक व्यक्ति ने अपने द्वारा खरीदे गए उत्पाद में बड़ी खराबी की शिकायत की. उसके लगातार अनुरोध के बावजूद, कंपनी ने समस्या का समाधान नहीं किया. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) की सहायता से, उत्पाद को तुरंत बदला गया. कंपनी ने माफी भी मांगी.
वहीं दिल्ली के एक उपभोक्ता ने शिकायत की थी कि वह ऑनलाइन लेनदेन सेवा का उपयोग करने में असमर्थ था. उसके खाते में जो राशि थी उसे फ्रीज कर दी गई थी. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से संपर्क करने के बाद उसकी समस्या का समाधान हुआ. बैंक ने राशि को अनफ्रीज कर दिया और उपभोक्ता को उनके खाते तक पहुंच बहाल कर दी.
तेलंगाना में एक व्यक्ति से सिलेंडर के लिए एमआरपी से अधिक राशि वसूली गयी थी. उसने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करायी. इस मुद्दे को तुरंत हल किया गया और उपभोक्ता को उसके अधिकारों की रक्षा करते हुए मुआवजा दिया गया. इसके अलावा, देश के विभिन्न कोनों से उपभोक्ताओं ने एनसीएच 2.0 के संचालन के बारे में अपने विचार साझा किए.
कैसे दर्ज करा सकते हैं शिकायतः
सभी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को टोल-फ्री नंबर 1915 के ज़रिए अपनी शिकायतें दर्ज करने की सुविधा मिलती है. इन शिकायतों को एकीकृत शिकायत निवारण तंत्र (आईएनजीआरएएम), एक ओम्नी-चैनल, आईटी-सक्षम केंद्रीय पोर्टल पर विभिन्न माध्यमों व्हाट्सएप (8800001915), एसएमएस (8800001915), ईमेल (nch-ca[at]gov[dot]in), एनसीएच ऐप, वेब पोर्टल (consumerhelpline.gov.in) और उमंग ऐप के ज़रिए दर्ज किया जा सकता है.
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