West Singhbum : फरवरी तक यदि राशन कार्डधारी और उनके परिवार के सदस्य का आधार सिडिंग (ई-केवाईसी) पूरा नहीं होता है, तो उनका नाम राशन कार्ड से हटा दिया जाएगा और उनका राशन बंद हो जाएगा. इस मामले में पश्चिमी सिंहभूम जिला राज्य में सबसे पीछे है. अगर फरवरी तक ई-केवाईसी का कार्य पूरा नहीं हुआ, तो अप्रैल से जिले के 7.89 लाख लाभुकों का राशन बंद हो सकता है.
ई-केवाईसी की स्थिति
राज्यभर में ई-केवाईसी का औसत 56.96 प्रतिशत है, जबकि पश्चिमी सिंहभूम में अब तक केवल 40.39 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ है. जिले में कुल 3 लाख 70 हजार 650 राशन कार्ड हैं, जिनमें 13 लाख 24 हजार 802 नाम दर्ज हैं. इनमें से अब तक 5 लाख 35 हजार 25 लोगों का ई-केवाईसी हो सका है. जिले के 7 लाख 89 हजार 777 लोग ऐसे हैं, जिनका ई-केवाईसी अब तक नहीं हुआ है, और उन्हें राशन कार्ड से हटा दिया जा सकता है.
सबसे कम ई-केवाईसी हाटगम्हरिया में
पश्चिमी सिंहभूम जिले में सबसे कम ई-केवाईसी हाटगम्हरिया प्रखंड में हुआ है, जहां सिर्फ 22.53 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ है. वहीं, तांतनगर, मझगांव, जगन्नाथपुर, नोवामुंडी, खुंटपानी, बंदगांव, झींकपानी, गुदरी और कुमारडूंगी जैसे प्रखंडों में ई-केवाईसी का कार्य 40 प्रतिशत से भी कम पूरा हुआ है. केवल चक्रधरपुर नगर परिषद और चक्रधरपुर, आनंदपुर तथा मनोहरपुर प्रखंडों में 50 प्रतिशत से अधिक ई-केवाईसी हुआ है.
जिला आपूर्ति पदाधिकारी की चेतावनी
पश्चिमी सिंहभूम की जिला आपूर्ति पदाधिकारी सुनीला खलको ने जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और अंचल अधिकारी को पत्र भेजकर ई-केवाईसी कार्य को फरवरी तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कार्य पूरा नहीं होता है और राशन उपलब्ध नहीं होता, तो संबंधित अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय की जाएगी.
अब जिले के अधिकारियों पर यह जिम्मेदारी है कि वे इस कार्य को समय पर पूरा करें, ताकि राशन बंद होने से बचा जा सके और लाभुकों को खाद्यान्न की आपूर्ति सुचारु रूप से जारी रहे.
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