Ranchi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र की पूर्व संध्या पर बिहार की 3 हस्तियों को मरणाेपरांत विशेष सम्मान मिला है. इनमें लोक गायिका पद्म भूषण स्वर्गीय शारदा सिन्हा को पद्मविभूषण, बिहार के पूर्व डिप्टी CM स्व. सुशील मोदी को पद्म भूषण पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है. वहीं, पूर्व आईपीएस और समाजसेवी रहे आचार्य किशोर कुणाल को भी मरणोपरांत पद्मश्री पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है.
शारदा सिन्हा को पहले भी मिल चुका है पद्म भूषण
बिहार मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का 5 नवंबर 2024 की रात निधन हो गया था. वह 72 साल की थीं. पद्म भूषण से सम्मानित 72 वर्षीय शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी गानों के लिए जानी जाती हैं. उनके चर्चित गानों में ‘विवाह गीत’ और ‘छठ गीत’ शामिल हैं. शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के समस्तीपुर में संगीत से जुड़े एक परिवार में हुआ था. उन्होंने 1980 में ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से अपना करियर शुरू किया और जल्द ही अपनी दमदार आवाज और भावनात्मक प्रस्तुति के लिए मशहूर हो गईं. शारदा सिन्हा ने अपनी मधुर आवाज से न केवल भोजपुरी और मैथिली संगीत को नई पहचान दिलाई, बल्कि बॉलीवुड में भी अपनी अद्वितीय गायकी का जलवा बिखेरा.
सुशील कुमार मोदी को जानें
सुशील कुमार मोदी बिहार के पूर्व डिप्टी CM होने के साथ-साथ बिहार के वित्त मंत्री भी रहे. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे. वह 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव बने. सुशील कुमार मोदी 1974 में बिहार प्रदेश छात्र संघर्ष समिति के सदस्य बने और 1974 के प्रसिद्ध बिहार छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया. जेपी आंदोलन और आपातकाल के दौरान सुशील कुमार मोदी को पांच बार गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में मीसा अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी, जिसके परिणामस्वरूप मीसा को असंवैधानिक करार दिया गया. आपातकाल के बाद उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (AVBP) का राज्य सचिव नियुक्त किया गया. सुशील कुमार मोदी 1977 से 1986 तक ABVP में विभिन्न नेतृत्व पदों पर कार्य किया. बिहार भाजपा के दिग्गज नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का 13 मई 2024 को दिल्ली में निधन हो गया था. वह कैंसर से पीड़ित थे.
कौन थे आचार्य किशोर कुणाल
बिहार पटना के महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल की पहचान समाज, संस्कृति और आध्यात्म के प्रति समर्पित योद्धा के तौर पर रही. पटना में महावीर मंदिर निर्माण, महावीर कैंसर अस्पताल जैसे अनेक कार्यों के वे प्रणेता रहे. किशोर कुणाल का जीवन न केवल एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में बल्कि एक धार्मिक प्रचारक और समाज सुधारक के रूप में भी प्रभावशाली रहा. एक प्रख्यात धार्मिक और सामाजिक व्यक्तित्व के तौर पर आचार्य किशोर कुणाल ने भारतीय समाज में अपने कार्यों से महत्वपूर्ण योगदान दिया. वे राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य भी थे, जहां उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपने योगदान और समर्थन से धार्मिक समुदाय को प्रेरित किया. बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में आचार्य किशोर के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुधार किए और राज्य के प्रमुख मंदिरों को धार्मिक न्यास से जोड़ा.
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