Ranchi : गुरुवार को हुए झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के द्विवार्षिक चुनाव को रद्द करना पड़ा. चुनाव के दौरान भारी हंगामा और विरोध की वजह से ये निर्णय लिया गया. चुनाव अधिकारी (रिटर्निंग अफसर) वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह ने इसकी घोषणा की. पूरी घटना की रिपोर्ट स्टेट बार काउंसिल को भेजी जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक, मतगणना के दौरान जब बैलेट बॉक्स खोला गया, तो वोटों की संख्या में गड़बड़ी सामने आई. बताया जा रहा है कि कुल 1409 वोट डाले गए थे, लेकिन बैलेट बॉक्स में 1509 वोट पाए गए. इस 100 वोट के अंतर के हेर-फेर को लेकर हंगामा शुरू हो गया. कुछ अधिवक्ताओं ने इसे बोगस वोट बताते हुए विरोध किया. रिटर्निंग अफसर ने विरोध कर रहे अधिवक्ताओं से गड़बड़ी के सबूत देने को कहा, लेकिन कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया गया.
हंगामा इतना बढ़ा की अधिवक्ताओं के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गयी थी. बैलेट पेपर और कुर्सियां फेंकी गई. इसी दौरान लाइब्रेरी में बने एक केबिन का शीशा भी टूट गया. इस दौरान झारखंड स्टेट बार काउंसिल के पर्यवेक्षक एमके श्रीवास्तव और बालेश्वर सिंह भी मौके पर मौजूद थे.
हंगामे की सूचना मिलने पर विधानसभा थाना की पुलिस और हटिया DSP मौके पर पहुंचे. जब पुलिसकर्मियों ने हंगामे का वीडियो बनाना शुरू किया, तो कुछ लोगों ने उनके मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट कर दिया.
बता दें कि इस चुनाव में 7 पदाधिकारियों के लिए 37 और 9 कार्यकारिणी सदस्यों के लिए 41 उम्मीदवारों के बीच चुनाव हो रहे थे. मतदान गुरुवार सुबह 10:30 बजे शांतिपूर्ण माहौल में शुरू हुआ. सबसे पहले महाधिवक्ता राजीव रंजन ने वोट डाला. मतदान हाईकोर्ट परिसर के एसोसिएशन लाइब्रेरी में बनाए गए दो बूथों पर हुआ.
मतदान के दौरान एडवोकेट एसोसिएशन या बार काउंसिल का प्रमाण पत्र अनिवार्य था. अधिवक्ताओं को वकील की ड्रेस में आकर वोट डालना था. बूथ के अंदर मोबाइल ले जाना मना था. शुरुआत में मतदान की गति धीमी थी, लेकिन समय समाप्त होने तक 1409 अधिवक्ताओं ने वोट डाल दिया. वोटिंग खत्म होने के बाद मतगणना के दौरान गड़बड़ी सामने आई और फिर हंगामा शुरू हो गया.
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