Patna : चुनावी वर्ष बिहार में पॉलीटिकल खिचड़ी पक रही है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद व रालोजपा अध्यक्ष पशुपति पारस की नजदीकियां बढ़ रही हैं. पशुपति कुमार पारस के घर दही-चूड़ा भोज में बुधवार को लालू प्रसाद यादव नजर आए. साथ में उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव भी दिखे. मकर संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा भोज में सियासत गर्म होने लगी है. इस कार्यक्रम में लालू और तेजप्रताप यादव की उपस्थिति ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है.
#WATCH | Patna, Bihar: RJD chief Lalu Yadav along with his son Tej Pratap Yadav visited the residence of Rashtriya Lok Janshakti Party chief Pashupati Kumar Paras
Pashupati Kumar Paras says, "On this auspicious occasion (Makar Sankranti), I invited people from all parties, NDA,… pic.twitter.com/0kE0YOVZGc
— ANI (@ANI) January 15, 2025
राबड़ी आवास पर भी भोज में गए थे पशुपति पारस
मुलाकात से पहले मंगलवार रात को पशुपति पारस ने राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव के साथ राबड़ी आवास पर मुलाकात की थी, जहां उन्होंने उन्हें भोज में शामिल होने का निमंत्रण दिया था. इस मुलाकात के बाद राजद और रालोजपा के बीच बढ़ती नजदीकी की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिससे आगामी विधानसभा चुनाव के सियासी समीकरणों पर असर पड़ सकता है.
राजनीतिक अटकलों का बाजार गर्म
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पशुपति पारस के लिए इस समय लालू यादव का समर्थन महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि वह वर्तमान में राजनीतिक रूप से अकेले पड़ गए हैं. अगर महागठबंधन से उनका जुड़ाव होता है तो यह एनडीए के लिए एक झटका हो सकता है. खासकर जब वे एक प्रभावशाली नेता हैं और उनके समर्थकों की संख्या भी अच्छी-खासी है.
लालू-पशुपति का साथ एनडीए के लिए चुनौती
महागठबंधन में हालांकि कांग्रेस, लेफ्ट और वीआईपी जैसे दल शामिल हैं, लेकिन कोई भी दल दलित वोटों पर मजबूत पकड़ नहीं रखता. ऐसे में राजद और रालोजपा के बीच गठबंधन की संभावना बढ़ गई है. लालू यादव के समर्थन से पशुपति पारस को राजनीतिक लाभ हो सकता है, जबकि एनडीए के लिए यह चुनौती हो सकती है.
CM नीतीश को भी भेजा है न्योता
इस बीच, पशुपति पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इस आयोजन में आने का निमंत्रण भेजा है. हालांकि यह देखना बाकी है कि नीतीश कुमार इस भोज में शामिल होते हैं या नहीं. चुनावी वर्ष में और एनडीए के भीतर चिराग पासवान की स्थिति के चलते यह राजनीतिक घटनाक्रम और भी दिलचस्प हो सकता है.
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