Bihar : बिहार में शिक्षा विभाग ने राज्य के 1.90 लाख शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह एक बड़ी संख्या है, और इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए शिक्षा विभाग ने कई अहम कदम उठाए हैं.
इनमें से 10,470 विशेष शिक्षकों, जो गंभीर बीमारी, दिव्यांगता, विधवा के आधार पर ट्रांसफर के लिए आवेदन दिए हैं, उनके ट्रांसफर की जिम्मेदारी अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने खुद ली है. वे इन शिक्षकों के मार्कशीट और अन्य प्रमाणपत्रों की जांच करेंगे.
बाकी 1.80 लाख शिक्षकों के तबादले की जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को दी गई है. डॉ. सिद्धार्थ के अनुसार, हर महीने 5-8 दिनों के अंतराल पर ट्रांसफर लिस्ट जारी की जाएगी, जिसके बाद सभी आवेदनों को सूचीबद्ध कर डीईओ को भेजा जाएगा. डीईओ के स्तर पर शिक्षकों को प्रखंड और प्रखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूल आवंटित किए जाएंगे.
हालांकि, लगभग 1700 शिक्षक विभिन्न कारणों से निलंबित हैं और उनके तबादले पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. शिक्षा विभाग ने आश्वासन दिया है कि सभी आवेदनों पर पारदर्शी तरीके से विचार किया जाएगा और योग्य शिक्षकों का तबादला किया जाएगा.
68 हजार शिक्षकों की नौकरी पर संकट
इसके अलावा, शिक्षा विभाग ने 68 हजार से अधिक शिक्षकों की नौकरी को लेकर बड़ा कदम उठाया है. ये सभी शिक्षक दूसरे राज्यों के निवासी हैं और अन्य राज्य के प्रमाणपत्रों के आधार पर बिहार में नियुक्त हुए हैं, साथ ही आरक्षण का लाभ भी उठाया है. इनमें से 24 हजार शिक्षक बीपीएससी परीक्षा के माध्यम से भर्ती हुए थे.
अब शिक्षा विभाग इन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करेगा. यदि जांच के दौरान किसी शिक्षक का प्रमाणपत्र संदिग्ध पाया जाता है, तो उसे होल्ड किया जाएगा. इस दौरान वह शिक्षक अपनी नौकरी जारी रखेगा, लेकिन यदि बाद में प्रमाणपत्र फर्जी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उससे सैलरी की रिकवरी भी की जाएगी.
शिक्षकों के ट्रांसफर और नौकरी की स्थिति पर शिक्षा विभाग की निगरानी बढ़ी हुई है और इस प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से लागू करने की पूरी कोशिश की जा रही है.
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