Ranchi : राजधानी रांची निवासी एक सिविल इंजीनियर के निधन पर उनकी अर्थी को कंधा देने सात समंदर पार मलेशिया व इंग्लैंड से दोनों बेटियां आ गईं. यहां लौटकर बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया और श्मशान घाट में मुखाग्नि भी दी.
इंग्लैंड व मलेशिया में इंजीनियर हैं दोनों बेटियां
दरअसल, दीपाटोली में रहने वाले रिटायर्ड सिविल इंजीनियर अनिरुद्ध कुमार (77) का 3 जनवरी को निधन हो गया था. इसकी सूचना इंग्लैंड और मलयेशिया में रहने वाली उनकी दोनों बेटियों को दी. वो दूसरे दिन ही विमान से झारखंड पहुंचीं और पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुईं. बड़ी बेटी दिव्या कुमारी इंग्लैंड में और छोटी बेटी निशा कुमारी मलयेशिया में रहतीं हैं. दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. बता दें कि अनिरुद्ध कुमार का कोई बेटा नहीं है.
नहीं है बेटा, बेटियों ने पूरी की पिता की अंतिम इच्छा
अनिरुद्ध कुमार खुद इंजीनियर थे. इसलिए अपनी दोनों बेटियों को भी इंजीनियर बनाया. दोनों की नौकरी विदेश में लग गयी. दोनों बेटियों ने विदेश में ही शादी भी कर ली. पिता की अंतिम इच्छा थी कि उनकी मृत्यु हो, तो बेटियां ही कंधा और मुखाग्नि दें. इसलिए दोनों बेटियां पिता की इच्छा पूरी करने के लिए झारखंड लौटीं.
हर दिन वीडियो कॉल कर लेती थीं हालचाल
पिता की अर्थी लेकर श्मशान घाट पहुंचीं और उनका अंतिम संस्कार किया. छोटी बेटी निशा कुमारी ने पिता को मुखाग्नि दी. अनिरुद्ध कुमार दीपाटोली सरोजनी गार्डेन स्थित आवास में रहते थे. वे कई दिनों से बीमार चल रहे थे. दोनों बेटियां हर दिन वीडियो कॉल करके उनका हालचाल लेती थीं.
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