पटना : बिहार विधान परिषद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन 27 नवंबर को भूमि सर्वेक्षण से संबंधित एक गंभीर मुद्दे पर राजस्व और भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल का गुस्सा खुलकर सामने आया. सदन में विपक्षी नेताओं के भ्रष्टाचार के आरोपों पर मंत्रीजी ने कहा, “मेरा मुंह मत खुलवाइए. अब सदन में मेरा मुंह मत खुलवाइए.” मंत्री ने खुद को एक ईमानदार व्यक्ति बताते हुए भरोसा दिलाया कि बिहार में सभी समस्याओं का समाधान जल्द किया जाएगा.
जमीन सर्वे को लेकर उठे गंभीर सवाल
सदन के दौरान भूमि सर्वेक्षण के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष ने यह सवाल उठाया कि प्रखंड स्तर पर सीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार बढ़ गया है, जिससे आम जनता को परेशानी हो रही है. इस पर मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि राज्य में कई जगहों के खाता-खतियान पुराने हो चुके हैं और दीमक की वजह से दस्तावेजों की स्थिति भी खराब हो गई है. इस कारण सर्वे में रुकावटें आ रही हैं, लेकिन वे जल्द समाधान का भरोसा दिलाते हैं.
भूमि विवादों के समाधान का दावा
मंत्री ने कहा कि बिहार में भूमि विवादों का समाधान उनके मंत्रालय के लिए प्राथमिकता है. उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भूमि सर्वेक्षण को लेकर बड़ा कदम उठाया है, जिससे भविष्य में जमीनी विवादों का समाधान संभव होगा. मंत्री के अनुसार, बिहार में अब तक सर्वे का काम पूरा नहीं हो सका है, जबकि बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
तीन महीने बढ़ाई गई सर्वेक्षण प्रक्रिया
मंत्री दिलीप जायसवाल ने यह भी बताया कि सर्वेक्षण की प्रक्रिया में अब 3 महीने का समय बढ़ाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान 47 लाख लोगों ने सेल्फ डिक्लेरेशन की प्रक्रिया को पूरा किया है, जिससे सर्वे की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.
विपक्ष के विधायक ने पूछा था यह सवाल
विपक्ष के सदस्य प्रो. संजय कुमार सिंह ने राज्य में भूमि सर्वेक्षण की स्थिति पर सवाल उठाया और कहा कि विभाग सिर्फ आंकड़ों में ही काम कर रहा है, जबकि आम जनता को इस प्रक्रिया से कई तरह की परेशानी हो रही है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रजिस्टर टू में कई भूमि धारकों के नाम ही दर्ज नहीं हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है.
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