Joharlive Special
- अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्डकप में खेल रहे रांची के सुशांत मिश्रा के पिता से विशेष बातचीत।
- क्रिकेट के अलावा और भी कई शौक रखते हैं सुशांत।
- रांची के हरमू मैदान में करते थे अभ्यास।
रांचीः क्रिकेट की दुनिया में धोनी के बाद रांची का दूसरा सितारा दुनिया भर में चमकने को तैयार है। अंडर-19 विश्व कप के सेमीफाइनल में रांची के सुशांत मिश्रा ने अपना जबरदस्त परफॉर्मेंस से पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। उन्होंने 18।1ओवर में 28 रन देकर तीन विकेट झटके, जिसकी बदौलत भारत ने पाकिस्तान को 10 विकेट से हराकर वर्ल्डकप के फाइनल में जगह बनाई। सुशांत की फास्ट बोलिंग के सभी कायल हो गए हैं और इसी के साथ उनका नाम धोनी के साथ जोड़कर देखा जाने लगा है। यह अलग बात है कि धोनी बल्लेबाज और विकेटकीपर थे जबकि सुशांत अपनी टीम के लिए ओपनिंग गेंदबाजी करते हैं।
मंगलवार को विश्व कप सेमी फाइनल में सुशांत के जबरदस्त परफॉर्मेंस के बाद जोहार लाइव के संवाददाता विवेक आर्यन ने सुशांत के पिता समीर मिश्रा से बातचीत की। समीर एक प्राइवेट कंपनी में हैं और सुशांत की मम्मी हाउसवाइफ हैं। कई सालों पहले समीर दरभंगा से रांची आए थे और यहीं बस गए। परिवार के साथ-साथ सुशांत के तभी दोस्त और जानने वाले बेहद खुश हैं।
क्रिकेटर नहीं बनते तो नौकरी करते सुशांत –
सुशांत के पिता समीर बताते हैं कि जब तक सुशांत के अंदर उन्हें क्रिकेट को लेकर जुनून नजर नहीं आया, तब तक वे चाहते थे कि सुशांत नौकरी करें। लेकिन सुशांत को क्रिकेट का बड़ा शौक था और वह हरमू मैदान में अपने दोस्तों के साथ खेला करते थे। 2010 से वे ही क्रिकेट में दिलचस्पी लेने लगे जिसके बाद 2012 में समीर सुशांत को क्रिकेट की कोचिंग दिलाने पर राजी हुए।
पहले ही साल उनका सेलेक्शन स्टेट क्रिकेट टीम के लिए हो गया। जिसके बाद सुशांत लगातार आगे बढ़ते गए। सिर्फ 8 सालों में उन्होंने कई मुकाम हासिल किए और फिर अंडर-19 भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बने। रांची में उन्होंने शुरुआत में शशिकांत पाठक के अंडर में क्रिकेट की कोचिंग ली और बाद में सत्यम कुमार ने उन्हें प्रशिक्षण दिया।
क्रिकेट के अलावा अपने दोस्तों के साथ घूमना पसंद है –
सुशांत के पिता ने बताया कि क्रिकेट के अलावा उनके बेटे को घूमने फिरने का बड़ा शौक है। सुशांत जब भी रांची आते हैं तो अपने दोस्तों के साथ घूमने निकल जाते हैं। बच्चों के बीच समय बिताना भी सुशांत को बेहद पसंद है। सुशांत इकलौते बेटे हैं और उन्हें खूब लाड प्यार मिला है। पिता कहते हैं कि सुशांत अपने करियर को लेकर बहुत ही गंभीर है और उसके लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
पढ़ाई में भी अव्वल थे सुशांत, लेकिन क्रिकेट का था जुनून –
सुशांत पढ़ाई में बहुत अच्छे थे। दसवीं तक उन्हें हर बार 90% से ऊपर अंक मिले हैं। दसवीं में भी उन्होंने 88% अंक प्राप्त किया था। उन्होंने शुरू से लेकर अब तक की पढ़ाई डीएवी पुनदाग से की है। वे इस बार 12वीं की परीक्षा देने वाले हैं। पिछली बार वे स्टेट खेलने की वजह से 12वीं की परीक्षा नहीं दे पाए थे।
रांची के साथ-साथ देशभर की निगाहें सुशांत पर टिकी हैं। वही पूरा राज्य इस उम्मीद में है क्रिकेट की दुनिया में देश को इसी शहर से एक नया सितारा मिल सकेगा। सुशांत का प्रदर्शन सराहनीय रहा है।140।2 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बॉलिंग कर उन्होंने पाकिस्तानी बल्लेबाजों के छक्के छुड़ा दिए। सही लेंथ और रफ्तार सुशांत को मजबूती दे रहा है। सुशांत भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं।