सिमडेगा: आम बागवानी योजना में अधिकारियों एवं बिचौलियों की मिलीभगत से अवैध तरीके से रकम की गबन की जा रही है. सरकार लोगों की आमदनी को बढ़ाने के लिए तरह-तरह की योजना ला रही है. लोगों को जीने का सहारा दे रही है. कई तरह कि योजनाओं कि फंडिंग की जा रही है ताकि लोग झारखंड से दूसरे राज्य में पलायन न कर सके और अपने राज्य में रहकर ही जीविका उपार्जन करें. लेकिन कुछ कर्मचारियों और बिचौलियों की मिली भगत से योजनाओं को लाभुक तक जानकारी भी नहीं हो पा रही है और अवैध तरीके से मनरेगा राशि निकासी कर गबन किया जा रहा है. यह मामला सिमडेगा जिला का बानो प्रखंड का है, जिसमें लाभूक को किसी प्रकार की जानकारी दिए बिना उसके खेत में आम बागान लगाया जाता है, और उसके बागान से अवैध तरीके से मनरेगा योजना अंतर्गत बागवानी से डिमांड निकाला जाता है. डिमांड को भरकर मास्टर रोल निकाला जाता है, उसके बाद अन्य लोगों के खाते में पैसा को डाला जाता है.
लाभुक को जानकारी तक नहीं होती है और योजना से 94000 का अवैध रूप से निकासी किया जाता है. योजना तिलकु साहू का जमीन में बिरसा हरित ग्राम योजना निर्माण जिसकी योजना संख्या 708090 2743373 के रूप में को गई है. वहीं इस बात को लेकर पंचायत के रोजगार सेवक कलिवर भोगता ने कहा कि यह पंचवर्षीय योजना है. जिसकी लगभग 3 लाख की योजना है. इस योजना में 70000 से 75000 इस वर्ष निकासी किया जाना था, परन्तु अधिक राशि निकासी किया गया है. क्योंकि काम करने के लिए सक्षम व्यक्ति रहने पर अधिक राशि की निकासी की गई है. जिस पर रोजगार सेवक ने कहा कि इस पर हम लोग कोई प्रतिबंध नहीं लगाते हैं, हमलोग को काम से मतलब होता है. दूसरी कारण उन्होंने यह भी बताया कि पहले वर्ष में काम ज्यादा होने के कारण अधिक राशि की निकासी किया जाता है.
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